सीनियर कंसल्टेंट डर्मेटौलोजिस्ट डा. नरेश भार्गव के अनुसार, गरमी हो या सर्दी हर मौसम में हमारी त्वचा को खास देखभाल की जरूरत होती है. गरमी में सूर्य की हानिकारक किरणों, धूलमिट्टी और तैलीय ग्रंथियों की अधिक सक्रियता का प्रभाव हमारी त्वचा पर सब से ज्यादा पड़ता है, जिस के कारण प्रिक्ली हीट, पिग्मैंटेंशन, फंगस, ब्लैकहैड्स, पिंपल, एक्ने, डैंड्रफ और स्किन ऐलर्जी आदि समस्याओं से रूबरू होना पड़ता है. लेकिन अगर हम कुछ खास बातों का ध्यान रखते हुए उन पर चलें तो इन समस्याओं से काफी हद तक बचाव संभव है.

बचाव के उपाय

ठंडक का एहसास:

डा. भार्गव के अनुसार, गरमियों में त्वचा के रोगों के निदान के लिए शरीर को ठंडा रखना बेहद जरूरी है. इस के लिए दिन में 2 से 3 बार नहाना चाहिए तथा शरीर को ठंडक देने वाले पेयपदार्थ, जैसे लस्सी, दही, नीबूपानी, दूध आदि का सेवन करना चाहिए. साथ ही, धूप के संपर्क में कम से कम आना चाहिए. अंदरूनी हिस्सों की साफसफाई: डा. भार्गव के अनुसार, शरीर के अंदरूनी हिस्सों की साफसफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि शरीर के अंदरूनी हिस्सों, जैसे बगलों, घुटने, कुहनियां आदि में पसीने के कारण बैक्टीरिया पनपते हैं, जिस से शरीर में पसीने की दुर्गंध आने लगती है. इसलिए इन हिस्सों को अच्छी तरह साफ कर के और सुखा कर टैल्कम पाउडर लगाना चाहिए.

सही खाद्यपदार्थों का सेवन:

डा. भार्गव गरमियों में उचित खानपान की सलाह देते हैं. उन के अनुसार, गरमियों में तैलीय व गरिष्ठ भोजन की अपेक्षा ऐसा सादा एवं फलाहारी भोजन सब से उपयुक्त है, जो शरीर को उपयुक्त ऊर्जा व नमी प्रदान करे. इसलिए फलसब्जियों और पानी को अपने आहार में ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए और कैफीन वाली चीजों, जैसे चायकाफी आदि का इस्तेमाल जरूरी हो तो भी कम से कम करना चाहिए.

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