चौकलेट ने तो सौंदर्य जगत में एक मुकाम पा ही लिया है. अब उस के साथ वाइन भी सुंदरता को बढ़ाने के लिए तैयार है. वाइन थेरैपी में वाइन स्पैशल, वाइन रैप, वाइन बाथ, वाइन स्क्रब जैसे कई तरीके हैं, जिन में रैड वाइन, व्हाइट या रोज वाइन या फिर इन दोनों का ही इस्तेमाल किया जाता है. वाइन के साथ अन्य वनस्पतियों, फूलों व सुगंधित तेलों का अर्क भी इस्तेमाल किया जाता है.

सामान्य रूप से वाइन थेरैपी का इस्तेमाल ऐंटीऐजिंग के रूप में किया जाता है, क्योंकि इस में इस्तेमाल किए जाने वाले काले अंगूर में मुख्य रूप से विटामिन ई, ऐंटोसिनोसाइड्स, पौलीफेनौल, प्रोसियानिडौल्स और ऐंटीऔक्सीडैंट्स जैसे तत्त्व पाए जाते हैं. वाइन ऐंटीसैप्टिक होने के साथ ही त्वचा में आने वाली सूजन और झुर्रियों को भी कम करता है. साथ ही त्वचा नर्म और मुलायम बनती है और त्वचा की डैड स्किन निकालने में भी मदद मिलती है.

वाइन फेशियल

वाइन फेशियल कराने से वाइन में मौजूद ऐंटीऔक्सीडैंट घटक की वजह से त्वचा के टौक्सिंस दूर होते हैं. इस फेशियल से चेहरे की त्वचा में कसाव आता है. त्वचा के टाइप के अनुसार वाइन के अलग-अलग प्रकार फेशियल में इस्तेमाल किए जाते हैं.

रैड वाइन में ऐंटीऐजिंग घटक पाए जाते हैं. व्हाइट वाइन के इस्तेमाल से त्वचा में कसाव आता है, त्वचा के रोमछिद्र साफ होते हैं और मुंहासे भी कम होते हैं. त्वचा संवेदनशील हो तो वाइन में गुलाबजल मिलाएं. रूखी त्वचा के लिए वाइन के साथ बादाम का पेस्ट मिलाएं. तैलीय त्वचा के लिए वाइन के साथ ऐलोवेरा का रस मिला कर लगाने से फेशियल का अच्छा फायदा नजर आता है.

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