आम तौर पर कहा जाता है कि सफलता और असफलता दोनों को पचाना हर इंसान के लिए आसान नहीं होता है. फिर बॉलीवुड, बॉलीवुड तो यूं भी ‘‘शो बाजी’’ पर ही टिका हुआ है. यूं तो यहां हर शुक्रवार इंसान की तकदीर बदलती रहती है, इस कटु सत्य को दोहराते हुए तो सभी मिल जाएंगें, मगर इस कटु सत्य को स्वीकार करने को कोई तैयार नहीं होता.

हर इंसान सफल होने पर ‘अहम ब्रम्हास्मि’ की तरह अहम में इस कदर डूबता है कि फिर वह धीरे धीरे पतन की ओर अग्रसर होने लगता है. अहम में चूर इंसान को जब असफलता हाथ लगती है, तो वह अपनी कमियों का विश्लेषण करने की बनिस्पत उस असफलता को छिपाने के लिए ढेरों गलत कदम उठाता है. ऐसा ही कुछ इन दिनों अनुष्का शर्मा कर रही हैं.

गैर फिल्मी परिवार की अनुष्का शर्मा ने शाहरुख खान के साथ ‘यशराज फिल्मस’ की फिल्म ‘‘रब ने बना दी जोड़ी’’ से बॉलीवुड में कदम रखा था. तब से इक्का दुक्का फिल्मों को नजरंदाज कर दें, तो अनुष्का शर्मा लगातार सफलता की ओर अग्रसर चल रही थी. निरंतर सफलता ने उनके अंदर आत्म विश्वास पैदा किया. जिसके चलते वह बॉलीवुड की सबसे कम उम्र की फिल्म निर्माता बन बैठी.

अनुष्का शर्मा ने पहली फिल्म ‘‘एन एच 10’’ का निर्माण करने के साथ ही इसमें अभिनय किया. फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर सफलता दर्ज कराते हुए अनुष्का को शोहरत दिलायी. इस सफलता ने अनुष्का शर्मा के अंदर अहम और ‘अहम ब्रम्हास्मि’ की ऐसी भावना भरी कि बतौर निर्माता उनकी दूसरी फिल्म ‘‘फिल्लौरी’’ ने बॉक्स ऑफिस पर दम तोड़ दिया. हालात ऐसे हैं कि अब बॉलीवुड के बिचौलिए उन्हें असफल अभिनेत्री करार दे रहे हैं. आखिर ‘फिल्लौरी’ में दिलजीत दोषांज के साथ अनुष्का शर्मा की ही मुख्य भूमिका है.

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