इन दिनों बौलीवुड में बहुमुखी प्रतिभाओं का आगमन और उनकी स्वीकार्यता बढ़ती जा रही है. अब बौलीवुड से जो प्रतिभाएं जुड़ रही हैं, वह सिनेमा की कई विधाओं में खुद को झोंकना चाहते हैं. ऐसे ही प्रतिभाओं में से एक हैं- मूलतः श्रीनगर, कश्मीर निवासी डाक्टर पिता और मनोविज्ञान की प्रोफेसर मां के बेटे जेन दुर्रानी खान, जिनकी बतौर हीरो पहली फिल्म ‘‘कुछ भीगे अल्फ़ाज’’ 16 फरवरी को प्रदर्शित होने जा रही है. पर जेन खान दुर्रानी सिर्फ अभिेनता ही नही बथ्लक एक बेहतरीन कवि भी हैं. उन्होने बौलीवुड में 2014 में प्रवेश किया था. बौलीवुड में जेन ने अपने करियर की शुरूआत फिल्म ‘‘शब’’ के निर्माण के दौरान फिल्मकार ओनीर के साथ बतौर सहायक निर्देशक काम करते हुए शुरू किया था और अब ओनीर के ही निर्देशन में उन्होंने फिल्म ‘‘कुछ भीगे अल्फ़ाज’’में अभिनय किया है.

आपके पिता डाक्टर, आपकी मां सायकोलौजी की प्रोफेसर और आपके परिवार के कई लोग पुलिस व प्रशासन से जुड़े रहे हैं. तो फिर किससे प्रेरित होकर आपने अभिनय को करियर बनाने का निर्णय लिया?

मेरे पापा डाक्टर होने के साथ साथ सिनेमा के शौकीन हैं. मैने उनके साथ घर पर वीडियो पर तमाम फिल्में देखी हैं. इसके अलावा श्रीनगर में पढ़ाई के दौरान मैं स्कूल के नाटकों में अभिनय किया करता था. मेरे एक नाना कवि और कश्मीर रेडियो पर एंकर रहे हैं, तो मुझे भी कविताएं लिखने का शौक पैदा हुआ था. मैं पिछले 14 वर्षों से यानी कि जब मैं बारह साल का था, तब से कविताएं लिखता आ रहा हूं. पर अभिनय को करियर बनाने की बात मेरे दिमाग में कभी नहीं आयी थी.

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