साउथ की फिल्मों से अपना ऐक्टिंग कैरियर शुरू करने वाली सोनारिका भदौरिया ने माइथालौजिकल कैरेक्टर से ले कर ग्लैमरस व नौनग्लैमरस सभी तरह के किरदार बड़े ही संजीदा तरीके से निभाए हैं. इस समय वे सोनी चैनल पर प्रसारित हो रहे ऐतिहासिक शो ‘पृथ्वी वल्लभ’ में मृणाल की भूमिका निभा रही हैं.

रीयल लाइफ में कैसी हैं?

मैं जिस तरह के किरदार निभाती हूं उस के बहुत करीब रहती हूं, क्योंकि मैं जैसा सोचती हूं वैसा ही करती हूं. मैं ने कई फिल्मों में ग्लैमरस रोल किए हैं, लेकिन बहनजी टाइप सीधीसादी लड़की कभी नहीं बनी हूं. मानती हूं कि मैं बड़ी हौट हूं तभी तो साउथ से सीधे इस इंडस्ट्री में पहुंची.

किस तरह के किरदार पसंद हैं?

शुरू से ही मेरी कोशिश रही है कि मैं ऐसे किरदार निभाऊं जिन में महिला केंद्र में रहे. मैं ने महिलाओं को हमेशा कमजोर, कमतर देखा है, इसलिए एक बदले वाली सोच बचपन से रही है ताकि महिलाएं अपनेआप को कमजोर न महसूस करें. वे पुरुषों से बराबरी से कदम से कदम मिला कर चलें. मैं हमेशा ऐसा किरदार निभाना चाहती थी जो खूबसूरत होने के साथसाथ बुद्धिमान और बहादुर भी हो. जब शो ‘पृथ्वी वल्लभ’ के निर्माता सिद्धार्थ पाठक ने इस की कहानी सुनाई तो मैं ने तुरंत हां कर दी.

तो क्या पुरुषों को पसंद नहीं करतीं?

नहीं, ऐसा नहीं है कि मैं पुरुषों से नफरत करती हूं, लेकिन औरत को कभी कमजोर नहीं देखना चाहती. जब मैं छोटी थी, तो पापा मुझे बच्चा खान बोलते थे. उस समय पापा ने मेरे लिए लकड़ी के छोटेछोटे डंबल बनवा दिए थे. जब पापा वर्कआउट करते तो मैं भी उन के पीछे छोटेछोटे हाथों से डंबल उठाती. बचपन से ही रैंबो, रौकी मेरे सुपरहीरो रहे हैं. जब मैं इन्हें देखती तो हमेशा सोचती कि सभी सुपरहीरो मेल ही क्यों होते हैं, फीमेल क्यों नहीं. मैं हमेशा सोचती थी कि कुछ ऐसा करूं ताकि सब की धुनाई कर सकूं क्योंकि मैं बचपन से ही हीरोइन नहीं, हीरो की तरह बनना चाहती थी.

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