अचानक राइटर कैसे बन गईं?

अचानक नहीं बनी. राइटिंग की आदत तो मुझे बचपन से है, लेकिन कभी यह नहीं सोचा था कि मेरी कोई पूरी किताब पब्लिश होगी. शुरू से अपनी यादों को पन्नों में लिख कर सहेजने की आदत थी. मैं एक ऐसे परिवार से संबंध रखती हूं, जो बहुत बड़ा है और इस की कई छोटीबड़ी यादें हैं, जिन्हें मैं कहानियों की तरह सहेज कर रखना चाहती थी. मेरी बुक ‘द पर्ल औफ बीइंग मौडरेटली फेमस’ पटौदी परिवार की लोकप्रियता की वजहों को साझा करती है. पब्लिशर ने मुझ से संपर्क किया और फैमिली ने प्रोत्साहित किया तो यह बुक आ गई.

किस तरह की लेखनी पसंद है?

वैसे तो मुझे नौनफिक्शन और फिक्शन दोनों तरह की किताबें पढ़ना पसंद है, लेकिन मैं अधिकतर नौनफिक्शन ही लिखती हूं. लेकिन पढ़ती दोनों हूं, क्योंकि नौनफिक्शन से आप को सीखने को बहुत मिलता है. फिक्शन में आप की क्रिएटिविटी ग्रूम होती है. इस किताब को मैं ने ऐसा लिखा है कि जिस से पढ़ने वाले को लगे कि वह सोहा से बात कर रहा है.

मां बनने के साथसाथ किताब कैसे लिख पाईं?

जब मैं किताब लिख रही थी तब मैं प्रैगनैंट नहीं थी. हां, प्रैगनैंसी के दौरान मैं ने लास्ट चैप्टर लिखा था जो पूरा प्रैगनैंसी पर है

किस विषय पर लिखना पसंद है?

मुझे ट्रैवल करना और ट्रैवलिंग पर लिखना सब से ज्यादा पसंद है. आज लोग किसी टूरिज्म स्पौट के बारे में जानने के लिए वीडियो देखते हैं जबकि मेरा मानना है कि उन्हें उस जगह की जानकारी के लिए बुक पढ़नी चाहिए, जिस में राइटर के जीवंत अनुभव होते हैं. अगर मुझे अभी लिखना पड़े तो मैं टूरिज्म पर पूरी किताब लिख सकती हूं.

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