जिसका ‘रंग दे तू मोहे गेरुआ...’, ‘साड़ी के फाल सा...’ इन गानों के साथ नाम जुड़ा हुआ है और वह है अंतरा मित्रा. उनका पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना के बनगांव प्रखंड के एक कसबे मच्छलंदपुर से मुंबई का सफर बड़ा रोमांचक रहा है.

अंतरा को बॉलीवुड में मुकाम बनाने का कोई सिल्क रूट नहीं मिला. इंडियन आइडल में ऑडिशन देने से ले कर बॉलीवुडी गायकी की दुनिया में अपने लिए एक मुकाम हासिल करने के लिए अंतरा ने रात दिन एक किया है.

आज सफलता उनके कदम चूम रही है. लेकिन अंतरा जब कभी पीछे मुड़ कर देखती हैं, तो बहुत सारे उतार चढ़ाव इन रास्तों में उन्हें नजर आते हैं. वे जानती हैं कि आगे भी उनका इन उतार चढ़ाव से सामना होता रहेगा. लेकिन इस के लिए वे पूरी तरह तैयार हैं.

‘इंडियन आइडल सीजन-2’ में अंतिम 5 में पहुंच कर अंतरा का सफर थम गया था. इस सीजन के लगभग छोर में पहुंच कर भी किनारा नहीं मिला. अंतरा कंपीटिशन से बाहर हो गईं. पहले राउंड में अंतरा ने गाना गाया था, ‘रंगीला रे...’ जिसे सुन कर अनु मल्लिक ने कहा था कि लगता है मुझे मेरा प्लेबैक सिंगर मिल गया. उस दिन सोनू निगम के मुंह से भी निकला था कि बहुत खूब.

अगले राउंड में जब अंतरा ने गाया, ‘रुकी रुकी थी जिंदगी...’ तो अनु मल्लिक ने कहा था कि तुम अगले राउंड में जा रही हो. फिर अगले राउंड में उस ने गाया, ‘मोरनी बागां में नाचे...’ जिसे सुनते ही अनु मल्लिक बस चीख पड़े कि फैंटैस्टिक सिंगिंग. मैं श्योर हूं कि मैं इसी को ढूंढ़ रहा था.

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