मुंबई में पलीबढ़ी सना खान दकियानूसी मुसलिम परिवार की होने के बावजूद एक सफल अभिनेत्री हैं. वे अपनी मां सईदा के साथ मुंबई में रहती हैं. 12वीं कक्षा तक पढ़ाई के बाद वे मौडलिंग करते करते अभिनेत्री बन गईं. अब तक वे देश की 4 भाषाओं में लगभग 15 फिल्में कर चुकी हैं. हिंदी में बतौर हीरोइन ‘वजह तुम हो’ उन की पहली फिल्म है, जोकि कुछ समय पहले ही प्रदर्शित हुई है. वैसे वे ‘बिग बौस 6’ का हिस्सा रहने के बाद सलमान खान की फिल्म ‘जय हो’ में भी मंत्री की बेटी का किरदार निभा चुकी हैं. प्रस्तुत हैं, उन से हुई बातचीत के खास अंश.

आपका काफी लंबा करियर है इसे आप किस तरह से देखती हैं?

इस से मैं ने बहुतकुछ सीखा है और मुझे लगता है कि आज मैं जो कुछ हूं अपनी पिछली गलतियों से सीख लेने के कारण ही हूं.

आपके करियर में किस तरह के उतारचढ़ाव रहे हैं?

देखिए, जब करियर में चढ़ाव आता है, तो हमें खुशी होती है. जब उतार आता है, तो हम उदास हो जाते हैं, दुख भी होता है. हम जिस ढंग से अपने करियर को आगे बढ़ाना चाहते हैं, जब उस ढंग से आगे नहीं बढ़ता तो हमें तकलीफ होती है. मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ पर मैं ने हार नहीं मानी. मैं ने एक लड़ाई लड़ी और अपने करियर को आगे बढ़ाया. सच कह रही हूं, मैं अपने अनुभव से काफी कुछ सीख रही हूं.

गैर फिल्मी परिवार की होने की वजह से आप को ज्यादा संघर्ष करना पड़ा?

बहुत ज्यादा. यहां सफलता पाने के लिए गौडफादर का होना जरूरी है. मेरे हाथ से कई बेहतरीन फिल्में महज इसलिए छूट गईं कि यहां मेरा कोई गौडफादर नहीं था. कई बार मैं ने चाहा भी कि कोई तो मेरी सिफारिश कर दे, मगर किसी ने नहीं की. यहां तक कि सलमान खान के साथ फिल्म ‘जय हो’ करने के बाद भी किसी ने मेरी तरफ ध्यान नहीं दिया. ऐसे में जब विशाल पंड्या  मेरे पास ‘वजह तुम हो’ ले कर आए तो मैं ने लपक लिया. यह वह फिल्म है, जिसे एक स्थापित निर्देशक ने निर्देशित किया है.

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