आठ वर्ष के अभिनय करियर में अदा शर्मा को जिस मुकाम पर पहुंचना चाहिए था, वहां तक वह नहीं पहुंच पायी. पर उनका दावा है कि वह खुश हैं और अपनी मर्जी का ही काम कर रही हैं. बहरहाल, तीन मार्च को प्रदर्शित हो रही एक्शन प्रधान फिल्म ‘कमांडो 2’ में वह विद्युत जामवाल के साथ नजर आने वली हैं.

2008 से अब तक के अपने करियर को किस तरह से देखती हैं?

जब मैं दसवीं कक्षा में पढ़ रही थी, तब मैंने अभिनय को करियर बनाने का निर्णय लिया. इसकी वजह मैं नहीं जानती. जबकि मेरे परिवार में फिल्मों से कोई जुड़ा हुआ नही है. मैं खुद पढ़ने में तेज थी. मैं राष्ट्रीय स्तर पर दौड़/रनिंग में हिस्सा लेती थी. 200 मीटर में प्रथम पुरस्कार जीते. पर मैंने निर्णय लिया कि मुझे पढ़ाई नहीं करनी है. मुझे पियानो बजाने का शौक है. मैं गाती भी हूं. मैं परंपरागत दक्षिण भारतीय परिवार से हूं. मेरे पिता मर्चेंट नेवी में थे. मेरी मां क्लासिकल डांसर हैं. मेरे नाना व दादा कॉलेज में प्रोफेसर थे. ऐसे में जब मैंने पढ़ाई छोड़ने का ऐलान किया तो वह सब रोने लगे थे कि हमारी घर की लड़की अनपढ़ रहेगी. इसलिए मैंने किसी तरह दसवीं तक की पढ़ाई की.

फिल्मों में आसानी से काम मिल गया था?

जी नही! करीबन एक साल तक मैं ऑडिशन देती रही और रिजेक्ट होती रही. शायद मैं किरदार में फिट नहीं थी या मेरी तकदीर में कुछ और अच्छा लिखा हुआ था. दसवीं कक्षा में पैरेंट्स डे का समारोह था. उसमें आशा पारेख जी अपने सेक्रेटरी के एस संजय आए हुए थे. इसमें मैंने कत्थक डांस किया था, जिसे देखकर उन्होंने कहा था कि बहुत जल्द हम एक साथ बॉलीवुड फिल्म कर सकते हैं. जिसमें कत्थक डांस प्रमुख होगा.

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