100से अधिक फिल्मों में काम कर चुके अक्षय कुमार ने सिर्फ ऐक्शन फिल्में ही नहीं कीं, बल्कि रोमांस, सैक्स कौमेडी, कौमेडी, हौरर सभी प्रकार की फिल्मों में काम किया. उन्हें एक ढर्रे की फिल्म बारबार करना पसंद नहीं. वे हर दिन को नए ढंग से जीते हैं और हर काम को ऐंजौय करते हैं.

उन की कुछ फिल्में हिट तो कुछ फ्लौप भी रहीं पर वे इस के लिए परेशान नहीं होते. उन्हें लगता है कि फिल्में केवल सितारों की वजह से नहीं चलतीं. उन की सफलता व असफलता तो बहुत कुछ कहानी और स्क्रिप्ट पर भी निर्भर करती है. इसलिए किसी भी फिल्म को कलाकार के आधार पर नहीं आंका जाना चाहिए.

पिछले साल उन की फिल्म ‘बौस’ फ्लौप रही, तो इसे वे महज एक ऐसी फिल्म के रूप में लेते हैं, जो दर्शकों को पसंद नहीं आई. अभी हाल में ही उन की फिल्म ‘हौलीडे’ रिलीज हुई, जिस के लिए उन्होंने अपना वजन 12 किलोग्राम कम किया और आर्मी औफिसर की भूमिका निभाई. ह्यूमर पसंद करने वाले अक्षय कुमार से मुलाकात हुई तो दिलचस्प बातचीत हुई. पेश हैं बातचीत के खास अंश:

आप किस तरह की कहानी से अधिक प्रभावित होते हैं?

पहले उस का विषय देखता हूं कि कौमेडी है, सीरियस है या थ्रिलर है. विषय अगर अच्छा और नया है तो मैं तुरंत हां कर देता हूं. इस के अलावा निर्देशक और बैनर भी देखता हूं.

आप अपना हौलीडे कहां बिताना पसंद करते हैं?

भारत में मैं गोवा जाता हूं क्योंकि वहां मेरा घर है. इस के अलावा विदेश में थाइलैंड बहुत पसंद है. हर 3 महीने के बाद 6 या 7 दिन के लिए मैं छुट्टी ले कर परिवार के साथ घूमने अवश्य जाता हूं. छुट्टियों का प्लान मैं काम के साथसाथ बना लेता हूं और साल में एक बार 1 महीने के लिए विदेश जाने की कोशिश करता हूं. मुझे लगता है कि काम के साथसाथ परिवार के साथ समय बिताना बहुत जरूरी है. जब मैं अकेला था तो घर जाने की फिक्र अधिक नहीं रहती थी. अब जब घर जाता हूं तो बच्चे के डैडी कह कर बुलाते ही मेरी सारी थकान दूर हो जाती है.

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