भोजपुरी फिल्मों में कदम रखते ही हिन्दी फिल्मों की हीरोइन कानूनी पचड़े में उलझती नजर आ रही हैं. प्रियका चोपड़ा के होम प्रोडक्शन पर्पल पेबल पिक्चर्स के बैनर तले बनी भोजपुरी फिल्म ‘बम बम बोल रहा है काशी‘ विवादों में घिर गई है.

 

भोजपुरी फिल्म उद्योग बहुत तेजी से आगे बढ रहा है. मुनाफा कमाने वालों की नजर इधर भी लगने लगी है. ज्यादातर भोजपुरी फिल्में लो बजट की बनती है. हिन्दी फिल्मों के मुकाबले बहुत कम पैसे में यह फिल्में तैयार हो जाती है. भोजपुरी दर्शको की संख्या बढने से यह फिल्में अच्छा मुनाफा देने लगी है.

प्रियंका चोपड़ा के होम प्रोडक्शन ने फिल्म ‘बम बम बोल रहा है काशी’ का अच्छा प्रचार प्रसार किया. प्रचार कुछ इस तरह से किया गया जैसे खुद प्रियंका चोपड़ा इस फिल्म में काम कर रही हो. बिहार की राजधानी पटना में फिल्म का प्रचार करने प्रियंका खुद पहुंची. इस वजह से दर्शक प्रियका चोपड़ा को देखने सिनेमाघरो में गये वहां उन्हें निराशा हाथ लगी.

एक तरफ फिल्म ‘बम बम बोल रहा है काशी‘ की गिनती भोजपुरी की सफल फिल्मों में हो रही है तो दूसरी ओर उस पर कॉपी राइट एक्ट के साथ धारा 419, 420, 467, 468, 471 के तहत मुकदमा दर्ज करने के लिये वाराणसी के ज्वांइट मजिस्ट्रेट की कोर्ट में रिट दाखिल हुई है. ज्वांइट मजिस्ट्रेट ने रिट के संबंध में अगली सुनवाई के लिये 4 जुलाई की तारीख तय की है. वाराणसी की कोर्ट में गीतकार नीरज सिंह ने कहा कि उन्होनें साल 2002 में ‘बम बम बोल रहा है काशी‘ नाम से म्यूजिक एलबम निकाला था.

नीरज ने कहा है कि प्रियंका चोपड़ा ने बिना उनकी अनुमति के गाने का टाइटिल चुरा कर अपनी फिल्म का टाइटिल बना लिया है. गीतकार नीरज ने अपनी रिट दाखिल करके अदालत से अपील की है कि प्रियंका चोपड़ा उनकी मां और फिल्म की प्रोडयूसर मधु चोपड़ा, हीरो दिनेश यादव, हीरोइन आम्रपाली दुबे और निर्देशक संतोष मिश्र के खिलाफ मुकदमा कायम कर सुनवाई की जाये. अदालत ने इसके लिये 4 जुलाई की तारीख तय की है. इस तरह के विवादों से फिल्मों का प्रचार भी होता है. ज्यादातर मामलों में अदालत ऐसे मामलों को खारिज कर देती है.

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