मुंबई के अंधेरी पश्चिम के लोखंडवाला क्षेत्र में जहां फिल्मी दुनिया की जानीमानी सैलिब्रिटीज के घर हैं, मशहूर पार्श्वगायक कुमार सानू भी रहते हैं. करीब 20 हजार गानों का रिकौर्ड बना चुके कुमार सानू ने कई भाषाओं में गीत गाए हैं और 1 दिन में 28 गाने गा कर अपना नाम गिनीज बुक में दर्ज करवाया है. वे प्लेबैक सिंगिंग की लीजैंड माने जाते हैं और लगातार 5 बार फिल्मफेयर अवार्ड पा चुके हैं. 2009 में उन की उत्कृष्ट गायकी के लिए उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से भी नवाजा गया. कोलकाता में जन्मे कुमार सानू का मूल नाम केदारनाथ भट्टाचार्य है. उन के पिता पशुपतिनाथ भट्टाचार्य एक अच्छे गायक और संगीतकार थे. उन की मां भी गाती थीं. बड़ी बहन आज भी रेडियो में गाती हैं और पिता का संगीत स्कूल चला रही हैं. उन के पिता ने उन्हें गायन और तबला वादन सिखाया और उन के परिवार का माहौल ही उन के गायन का प्रेरणास्रोत बन गया.

स्टेज से शुरुआत

उन्होंने 1979 से स्टेज पर परफौर्म करना शुरू कर दिया था और वे किशोर कुमार के प्रशंसक थे, इसलिए उन के ही गाने स्टेज पर गाते थे. पर बाद में उन्होंने अपनी अलग गायन शैली से अपनी पहचान बनाई. धीरेधीरे उन के प्रशंसकों की संख्या बढ़ती गई, तो उन्हें कोलकाता के कई रैस्तरां में गाने का मौका मिला. वे उन में गाते रहे और मुंबई जाने के लिए पैसा इकट्ठा करते रहे. उसी दौरान उन्होंने बांग्लादेशी फिल्म ‘तीन कन्या’ में गाने गाए. फिर मुंबई आए तो वहां भी कई रैस्टोरैंट में गाने गाते रहे. लेकिन वे इस काम के साथसाथ संगीत निर्देशकों से भी मिलते रहे. 1987 में उन्हें फिल्म ‘आंधियां’ में गाने का मौका मिला, जिस में उन की आवाज सभी संगीतकारों को पसंद आई. उसी समय कल्याणजी आनंदजी ने उन्हें ‘जादूगर’ फिल्म में गाने का औफर दिया. इस की वजह यह थी कि एक बार अमिताभ बच्चन ने कहा था कि किशोर कुमार के बाद इस लड़के की आवाज मुझ से मिलती है.

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