फिल्म ‘ओये लकी, लकी ओय’ से अपने कैरियर की शुरुआत करने वाली अभिनेत्री ऋचा चड्ढा ने बहुत कम समय में अपनी एक अलग पहचान बनायी है. पंजाब के अमृतसर में जन्मी और दिल्ली में पली बड़ी हुई ऋचा के कैरियर की टर्निंग प्वाइंट फिल्म गैंग्स औफ वासेपुर है, जिसमें उन्होंने एक अधेड़ उम्र की महिला की भूमिका निभाई थी. इस फिल्म से उन्हें बहुत तारीफें मिली और उनकी जर्नी चल पड़ी.

ऋचा को बचपन से ही अभिनय की इच्छा थी और उन्होंने इसकी शुरुआत मौडलिंग से की. जिसे उन्होंने मुंबई आने के बाद शुरू कर दिया था. बाद में वह अभिनय की ट्रेनिंग लेने के लिए थिएटर की ओर मुड़ी और कई नाटकों में अभिनय किया. स्पष्टभाषी और साहसी ऋचा इन दिनों अपनी फिल्म ‘फुकरे रिटर्न्स’ में फिर से एक बार भोली पंजाबन की भूमिका एक अलग अंदाज में निभा रही हैं. सहज अंदाज में वह सामने आईं और बातचीत की, पेश है अंश.

दोबारा इस फिल्म की कड़ी में जुड़कर आप कितनी उत्साहित हैं?

साधारणत: फुकरे और मसान की सारी टीम बीच-बीच में मिलते रहते हैं. ऐसे में हमारी एक अच्छी बौन्डिंग हो गयी है. ऐसे में हम एक दूसरे के साथ बहुत सहज हैं. हमारी केमिस्ट्री भी पर्दे पर पूरी तरह से नजर आती है. इससे पहले मेरी कई फिल्में मसान और गैंग्स औफ वासेपुर थोड़ी औफ बीट फिल्म थी, लेकिन फुकरे मेरे लिए पहली बड़ी कमर्शियल फिल्म थी. इसकी एक अलग दर्शक होती है. इस बार की फिल्म भी मजेदार है. ये एक अनोखी फिल्म है. इसे तिहार जेल में शूट किया गया है. वहां मुझे केवल अंदर जाने की परमिशन थी. बहुत अच्छा लगा था कि कैसे जेल में महिलाएं रहती हैं. कैसे उनसे मिलने उनके परिजन आते हैं. वहां के पुलिसवाले को फिल्मों का बहुत शौक होता है. वे मुझसे बातचीत करना पसंद करते थे.

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