साल 2002 में फिल्म ‘फिलहाल’ से अपने कैरियर की शुरुआत करने वाली लेखिका निर्देशिका मेघना गुलजार हिंदी सिनेमा के मशहूर गीतकार संगीतकार गुलजार और अभिनेत्री राखी गुलजार की बेटी हैं. बचपन से ही उसने कला का माहौल देखा है. उसनें डांस और पियानो की क्लासेज भी ली हैं, लेकिन जब वह कौलेज में थी, तब उसे लगा कि वह क्रिएटिव क्षेत्र के अलावा कुछ सोच नहीं सकती हैं. यही वजह है कि मुंबई से समाजशास्त्र में स्नातक की पढ़ाई पूरी कर वह न्यूयार्क यूनिवर्सिटी में फिल्म की बारीकियां सीखने गयी और डिग्री हासिल की.

वहां से आने के बाद उसने पहले अपने पिता को फिल्म ‘माचिस’ और ‘हु तू तू’ में असिस्ट किया और साथ ही कई फिल्मों के लिए पटकथा लेखन, शौर्ट फिल्म का निर्माण और डौक्यूमेंट्री फिल्मों का निर्देशन भी किया. उन्होंने फिल्में तो कम की, पर जो भी किया उसे सराहना मिली, दर्शकों ने उसे पसंद किया. किसी भी स्क्रिप्ट को चुनते समय मेघना बहुत सोच विचार और शोध करती है ताकि फिल्म ओरिजिनल बने. ‘फिलहाल’, जस्ट मैरिड, दस कहानिया आदि कुछ ऐसी ही उनकी फिल्में है.  काम के दौरान मेघना ने अपने प्रेमी गोविन्द संधू से शादी की, जिससे उनका 8 साल का बेटा समय है. बहुत ही शांत और हंसमुख मेघना की फिल्म ‘राजी’ रिलीज हो गई है उनसे बात करना रोचक था,पेश है अंश.

इस फिल्म से आप कितनी उम्मीद रखती है?

मैंने फिल्म के जरिये जो कहने की कोशिश की है वह दर्शकों को कितनी प्रेरित करेगी ये कहना मुश्किल है. ये एक तरह का गेम है. जिसका फैसला आप पहले से नहीं कर सकते.

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