पाश्चात्य के प्रभुत्व में जी रही युवा पीढ़ी को बहुत नजदीक से समझने के दावे के साथ फिल्मकार संजय शर्मा थ्रीसम पर आधारित एक अति बोल्ड और अति सेक्सी फिल्म ‘‘इश्क जुनूनःहीट इज ऑन’’ लेकर आए हैं, इस फिल्म को पार्न फिल्मों की तरफ बढ़ता हुआ कदम ही माना जा सकता है. जिसमें बेसिर पैर की कहानी व घटिया पटकथा के साथ साथ ही घटिया निर्देशन है.

फिल्म ‘‘इश्क जुनून-द हीट इज ऑन’’ की कहानी के केंद्र में दो गहरे दोस्त वीर (राजवीर) और राज (अक्षय रंगशाही) हैं, जो कि बचपन से ही एक दूसरे की हर छोटी बड़ी बात के राजदार हैं. दोनों अपनी जिंदगी की हर बात एक दूसरे को न सिर्फ बताते हैं, बल्कि खुशी और दुःख के मौके पर भी एक ही रहते हैं. इनकी दोस्ती को कोई तोड़ नहीं पाता. जबकि उत्तर भारत के एक छोटे शहर की मध्यमवर्गीय परिवार की लड़की पाखी (दिव्या सिंह) अपने आसमानी सपनों को पूरा करने और एकदम स्वतंत्र जिंदगी जीने की चाह के साथ मुंबई शहर में पहुंचती है. वह अपने मंगेतर रंजीत (राज आर्यन) को भी महत्व नही देती. उसे लोडेड यानी कि करोड़पति प्रेमी की तलाश है.

एक पार्टी में पाखी एक एमएलए के बेटे को फंसाने के चक्कर में खुद ही फंस जाती है, मगर ऐन वक्त पर राज उसकी मदद कर उसे उसके हास्टल तक छोड़ देता है. हास्टल की सहेलियों से पाखी को पता चलता है कि राज कई हजार करोड़ का मालिक है. बस फिर पाखी, राज को रिझाने में लग जाती है. एक दिन राज, पाखी को लेकर अपने फार्म हाउस पहुंचता है और उनका पीछा कर रहे रंजीत को राज अपने बाडीगार्ड दिलावर के हाथों पिटवाकर पेड़ पर लटकवा देता है. फार्म हाउस के बंगले के अंदर प्यार के नाम पर राज व पाखी के बीच गंदे सेक्स का खेल चलता है. दूसरे दिन सुबह वहां वीर भी पहुंच जाता है. पाखी को राज बताता है कि सारी जायदाद उसके मित्र वीर की वजह से है. फिर राज गायब हो जाता है.

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