वक्त के साथ सारे समीकरण बदलते रहते हैं. कल तक बॉलीवुड से कंगना के जुड़े कुछ लोग कंगना रनौत को फिल्मों से निकलवा रहे थे. पर अब सितारे चमक रहे हैं और अब कंगना रनौत अपने इशारे पर कुछ फिल्मकारों को नचा रही हैं. हालात ऐसे हो गए हैं कि जो फिल्मकार कंगना रनौत के इशारे पर नाचने के लिए तैयार नहीं होता, उसे कंगना सबक सिखाने में पीछे नहीं रहती.

वास्तव में अब कंगना रनौत को लगता है कि वह एक बेहतरीन अदाकारा के साथ साथ बेहतरीन लेखक व निर्देशक भी हैं. इसलिए वह दूसरे फिल्मकारों से लेखन व निर्देशन में भागीदारी चाहती हैं. जब कंगना की इस इच्छा को मानने से फिल्मकार केतन मेहता ने इंकार कर दिया, तो कंगना ने अंदर ही अंदर तैयारी कर केतन मेहता की अतिमहत्वाकांक्षी फिल्म ‘‘रानी लक्ष्मी बाई’’ (जिसमें वह मुख्य भूमिका निभाने वाली थीं) से खुद को अलग कर दक्षिण भारत के निर्देशक कृष के साथ उसी विषय पर फिल्म ‘‘मणिकर्णिका’’ की शुरूआत कर दी. और तो और कंगना इस फिल्म को जोर शोर से प्रचारित करने में भी लगी हुई हैं. ऐसे में भला हंसल मेहता कैसे कंगना से दुश्मनी मोल लेते. इसलिए कुछ दिन पहले ही हंसल मेहता ने घोषित कर दिया कि उनकी फिल्म ‘सिमरन’ की सह लेखक कंगना रनौत हैं.

उसके बाद यही बात हंसल मेहता ने ट्विटर पर भी लिख दी. यह बात फिल्म ‘सिमरन’ के लेखक अपूर्व असरानी को नागवार गुजरी. अपूर्व असरानी ने इसका विरोध करते हुए मीडिया में कह दिया कि ‘सिमरन’ के एकमात्र लेखक वही हैं. इस फिल्म के लेखन में कंगना रनौत का कोई योगदान नहीं है. अपूर्व असरानी के इस सच ने अपूर्व असरानी और फिल्म निर्देशक हंसल मेहता की 17 साल पुरानी जोड़ी को तोड़ दिया.

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