छह साल पहले सायलेंट कॉमेडी वाले सीरियल ‘गुटरगूं’ से पहली बार चर्चा में आए सुनील ग्रोवर को मशहूर व्यंगकार रहे जसपाल भट्टी की खोज माना जाता है. पर उन्हें रातों रात स्टार बनाया कपिल शर्मा के शो ने. इस शो में उनके महिला किरदार गुत्थी ने उन्हें स्टार बना दिया. अब वह फिल्म ‘कॉफी विथ डी’ में पत्रकार की भूमिका में नजर आने वाले हैं. वैसे वह 1998 से ही फिल्मों में छोटे छोटे किरदार निभाते आ रहे हैं.

आपको जसपाल भट्टी का खोज माना जाता हैं?

चंडीगढ़ में जसपाल भट्टी से मेरी मुलाकात हुई थी. उन्होंने मेरा पहला ऑडिशन लिया था. उनसे मैंने ह्यूमर के बारे में बहुत कुछ सीखा. उनसे मैंने सीखा कि क्राफ्टेड ह्यूमर क्या होता है. उनकी सीख का ही परिणाम है कि मैं भी लोगों के चेहरों पर मुस्कान लाने में कामयाब हो गया हूं.

जसपाल भट्टी से क्या खास बात सीखी?

मैंने उनसे एक पंक्ति को पांच पक्तियों में बयां करना सीखा. यह कला मैं अभी भी सीख रहा हूं. इसमें माहिर नहीं हुआ हूं. वह तो लीजेंड थे. उनके दिमाग को पूरी तरह से अपनाना बहुत कठिन है. मेरा अपना नेच्युरल तरीका बहुत अलग था. मैंने उनसे ह्यूमर के साथ संदेश देना सीखा. ह्यूमर के साथ विचार का होना बहुत जरुरी है.

अभिनय को करियर बनाने की वजह क्या रही?

अभिनय मेरे दिमाग, मेरे शरीर व मेरी आत्मा में था. बचपन से ही मुझे कुछ बड़ा बनना था. डॉक्टर, इंजीनियर या पायलट वगैरह अब एक जीवन में यह सब बन नहीं सकता था, पर कलाकार के तौर पर मैं सब कुछ बन सकता हूं. इसलिए मैंने अभिनय को चुना. लेकिन मैं लोगों के लिए हास्य का डॉक्टर हूं. लोगों को मेरे हंसाने से फायदा होता है. यह अच्छी बात है कि हमारे हंसाने से लोगों को तनाव से मुक्ति मिलती है. मुझे खुशी होती है कि मेरा योगदान किसी न किसी रूप में समाज के लिए हो रहा है.

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