साल 1959 नैवेल ऑफिसर के.एम.नानावटी की घटना से प्रेरित होकर निर्देशक टीनू सुरेश देसाई ने फिल्म ‘रुस्तम’ बनाई. इस फिल्म में अक्षय की जबरदस्त भूमिका देखने को मिली जिसमें उनका साथ दिया इलियाना डिक्रुज ने. फिल्म में कोई मर्डर मिस्ट्री तो नहीं थी, क्योंकि सबको पता चलता है कि मर्डरर कौन है.

ये एक अलग तरह की थ्रिलर फिल्म है. फिल्म में उस दशक के ‘बॉम्बे’ को पूरी तरह से उतारने की कोशिश की गई है जिसमें पहनावे से लेकर साज सज्जा परिवेश सबका ध्यान रखा गया है, जो इसकी खासियत है.

इंटरव्यू के दौरान अक्षय कुमार ने कहा था कि ये फिल्म महिलाओं के लिए समर्पित है और ये सही रहा. उस दशक में ‘एक्स्ट्रा मेरिटल अफेयर्स’ को पति द्वारा माफ कर देना शायद बड़ी बात थी, क्योंकि आज भी ऐसे संबंधों को कोई पति माफ नहीं कर सकता. फिल्म में मीडिया की खास भूमिका को दर्शाया गया है कि किस तरह से मीडिया ने ‘रुस्तम’ को माफी के लिए भूमिका तैयार की.

फिल्म की कहानी इस प्रकार है

इंडियन नेवी का कमांडर रुस्तम पावरी (अक्षय कुमार) अपनी खबसूरत पत्नी सिंथिया पावरी (इलियाना डिक्रुज) के साथ अपना शादीशुदा जीवन बिता रहा है. रुस्तम को अचानक कुछ महीने के लिए एक सीक्रेट मिशन पर विदेश जाना पड़ता है.

इसी बीच उसका रंगीन मिजाज वाला व्यवसाई दोस्त विक्रम मखीजा (अरजन बाजवा) सिंथिया पर डोरे डालता है और कामयाब भी होता है. इसमें साथ देती है उसकी बहन प्रीती मखीजा (ईशा गुप्ता). दोनों की नजदीकियां हद से ज्यादा बढ़ जाती है, ऐसे में एक दिन रुस्तम अपनी ड्यूटी से निर्धारित समय से जल्दी वापस आकर घर पर अपनी पत्नी को न देखकर परेशान हो जाता है और विक्रम के घर जाकर उसका मर्डर कर देता है.

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