छोटी मुंबई कहे जाने वाले इंदौर शहर से मायानगरी मुंबई का सफर तय करने वाले इस लड़के ने अपने पहले ही टीवी शो ‘सपनों से भरे नैना’ से घर-घर में अपनी पहचान बना ली है. इस का प्रमाण यह है कि लोग इसे गौरव के नाम से नहीं, शो में निभाए गए किरदार के नाम दक्ष से पहचानने लगे हैं.
आंखों में ऊंचे सपने और मन में कुछ अलग करने का जनून लिए गौरव ने छोटे परदे पर अपनी एक अलग ही पहचान बनाई है. हाल ही में गौरव से रूबरू होने का मौका मिला, जहां कुछ दिलचस्प बातें उन्होंने शेयर कीं. पेश हैं, कुछ अंश:
5-6 साल तक चलने वाले शो से क्या दर्शक ऊबते नहीं हैं?
देखिए, इस में 3 चीजें हैं: बिजनैस, कला और शौक. आप यह मान सकते हैं कि कलाकार की कला का उपयोग कर के पैसा बनाया जा रहा है या आप के शौक का उपयोग कर के पैसा बनाया जा रहा है, क्योंकि लंबे चलने वाले शोज में पैसा काफी अहम होता है. शो के निर्माता इन्हें अपने फायदे के लिए लंबा खींचते हैं.
किसी शो की टीआरपी बढ़ाने में कलाकार का कितना योगदान होता है?
किसी भी शो को बनाने में उस शो के निर्देशक के साथ-साथ स्क्रिप्ट राइटर और उस शो के अभिनेता का बहुत बड़ा रोल होता है. राइटर लिखता है, डायरेक्टर निर्देश देता है पर उस रोल को एक अभिनेता किस तरह से निभाता है, यह उस कलाकार की प्रतिभा पर निर्भर करता है. राइटर कितना भी अच्छा लिखे, अगर ऐक्टर अपना रोल अच्छी तरह न निभा पाए तो इस में राइटर का दोष नहीं है.