जब बारी जीवनसाथी चुनने की आती है तो हमारा ध्यान सारी अच्छाइयों को छोड़ कर लुक पर सब से ज़्यादा रहता है कि लड़की देखने में कैसी है, सुंदर है कि नहीं, गोरी है या सांवली है, पतली चलेगी पर मोटी नहीं होनी चाहिए. पर क्या किसी रिश्ते की शुरुआत के लिए लुक इतना ज़्यादा महत्त्वपूर्ण होता है?

इसी विचार पर स्टार प्लस एक नया धारावाहिक ‘ढाई किलो प्रेम’ पेश कर रहा है, जो दर्शकों को सोचने पर मजबूर करेगा कि क्या केवल खूबसूरती ही महत्त्वपूर्ण होती है? पेश है, दीपिका का किरदार निभा रही अंजलि आनंद और पीयूष का किरदार निभा रहे मेहरजान मज्दा से बातचीत के कुछ अंश-

इस धारावाहिक के बारे में कुछ बताइए?

यह धारावाहिक दो ऐसे लोगों की कहानी है जो दिखने में तो एक जैसे हैं लेकिन दोनों की चाहतें अलग-अलग हैं. इस में दीपिका एक आत्मनिर्भर लड़की है, जो जिन्दगी को खुल कर जीती है और पीयूष कम आत्मसम्मान वाला लड़का है जो समाज में अपनी खामियों को छुपाने के लिए एक खूबसूरत लड़की से शादी करना चाहता है. ये दोनों समाज के तय मापदंडों के अनुसार पर्फेक्ट नहीं हैं, लेकिन इन की अनूठी व अलग कहानी दर्शकों को पर्फेक्ट होने की परिभाषा पर सोचने पर मजबूर करेगी.

रियल लाइफ में और आप के किरदार में कितनी समानताएं हैं?

मेरे और दीपिका में कई सारी समानताएं हैं. दीपिका की तरह मैं भी आत्मविश्वासी हूं, भले ही मैं खूबसूरती के मापदंडों के अनुसार परिपूर्ण नहीं हूं लेकिन मैं खुद को वैसे ही प्यार करती हूं जैसा मैं हूं. मैं  खुद के शरीर में कुछ भी बदलना नहीं चाहता, मुझे नहीं लगता कि पतला होने से ही मेरे साथ कुछ अच्छा होगा. मेरे लिए शारीरिक बनावट से ज्यादा एक इंसान का व्यवहार व सोच मायने रखती है.

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