आमतौर पर लोग यह सोचते हैं कि अगर एकाएक धन की जरूरत पड़े तो हम गोल्ड लोन बिना किसी परेशानी के आसानी से ले सकते हैं. लेकिन जरूरी यह भी है कि गोल्ड लोन लेते समय बैंकों व कंपनियों की शर्तों को जरूर जान लें. नहीं तो यह कर्ज का मकड़जाल भी बन सकता है.

प्राइवेट बैंक सहित लगभग सभी बैंकों में आज गोल्ड लोन के लिए खास विभाग है. इसलिए यदि गोल्ड लोन लेने जा रहे हैं, तो निम्न बातों पर ध्यान दें:

उधार चुकाने का समय कब तक है यह बात अच्छी तरह जान लें. हाउसिंग लोन, कार लोन जैसा नहीं है गोल्ड लोन. ये लोन 4 से 10 साल तक समय देते हैं, तो गोल्ड लोन 1 महीने से 1 साल तक की समय सीमा में चुकाना पड़ता है. लोन समय पर अदा नहीं करेंगे तो जुर्माना भरना पड़ सकता है. गोल्ड लोन पर संस्थाएं 5% से 30% तक ब्याज वसूल करती हैं. बैंक सोने के दाम के 80-85% ही लोन के रूप में देते हैं, लेकिन प्राइवेट संस्थाएं 100% लोन देने को तैयार हो जाती हैं. गोल्ड के बदले लोन के लिए हम ऐसी ही संस्थाओं को अकसर चुन लेते हैं. वे लोन तो ज्यादा देती हैं पर भारी ब्याज वसूल करती हैं.

कब लें लोन

गोल्ड लोन लेते वक्त ब्याज चुकाने की तिथि के बारे में पूछताछ जरूर कर लें. इस में 1 दिन का विलंब भी ब्याज दर में बदलाव ला देता है. जैसे 24% ब्याज दर पर लोन की किस्त का पैसा यदि लोन लेने वाला निर्धारित तिथि पर नहीं देता तो ब्याज दर 25% हो जाएगी. ब्याज चुकाने में आने वाली गलती के मुताबिक यह प्रतिशत दर बढ़ता ही जाता है. दर 34% तक बढ़ाने वाली संस्थाएं भी हैं. इस में होता यह कि क्व1 लाख ब्याज लेने वाला व्यक्ति जब इसे क्लोज करने जाता है, तो 1,24,000 के बदले क्व 1,34,000 तक देने पड़ते हैं. इतना ही नहीं, कभीकभी उधार लिए रकम के एक तिहाई रुपए ब्याज के रूप में देने की नौबत तक भी आ जाती है.

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