रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा के लिए बचत जरूरी होती है. किसी भी व्यक्ति के लिए यह सबसे बड़ा टार्गेट होता है, जिसे बगैर प्लानिंग के पूरा नहीं किया जा सकता. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि इस प्लानिंग को अमलीजामा पहनाने का सर्वाधिक सफल तरीका पहली नौकरी लगने के साथ ही सेविंग्स की शुरुआत होती है. ऐसा इसलिए क्योंकि पहली नौकरी के दौरान आपके ऊपर जिम्मेदारियां कम होती हैं जो बचत की गुंजाइश को ज्यादा बड़ा कर देती है.

रिटायरमेंट के लिए फंड जमा करने के लिए कई विकल्प हैं, जिनमें सबसे लोकप्रिय फिक्स्ड डिपौजिट (एफडी) है. जानिए क्यों एफडी का विकल्प चुनते हैं लोग.

वजह-1: फिक्स्ड डिपौजिट को समझना सरल है-

जब भी बात निवेश की आती है तो अधिकांश लोग उन्हीं विकल्पों को तरजीह देते हैं, जिनमें उनके माता-पिता बचत करते आए हैं. यही वजह है कि फिक्स्ड डिपौजिट भारतीयों में सबसे ज्यादा लोकप्रिय विकल्प है. इसमें आप अपना पैसा निवेश करते हैं और तय सालाना ब्याज के आधार पर आपकी पूंजी धीरे-धीरे ही सही लेकिन लगातार बढ़ती है.

वजह-2: फिक्स्ड डिपौजिट में सहूलियत है

फिक्स्ड डिपौजिट अधिकांश लोगों की पहुंच में होता है. किसी को भी अपने स्थानीय बैंक की शाखा में जाकर रेकरिंग डिपौजिट या फिक्स्ड डिपौजिट खुलवाना होता है.

वजह-3: फिक्स्ड डिपौजिट है सर्वाधिक सुरक्षित विकल्प

फिक्स्ड डिपौजिट को निवेश का सबसे सुरक्षित विकल्प माना जाता है. यही कारण है कि भारतीय इस विकल्प पर सबसे ज्यादा भरोसा करते हैं. इसमें लोगों के लिए पहले सुरक्षा और फिर रिटर्न महत्वपूर्ण हैं. खास तौर पर बैंकों के राष्ट्रीयकरण के बाद से इन्हें सरकारी सिक्योरिटी की तरह सुरक्षित माना जाता है.

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