वित्त वर्ष 2018 खत्म होने वाला है, ऐसे में आपके पास तमाम जीवन बीमा कंपनियों के फोन आ रहे होंगे, जहां वे आपसे जीवन बीमा कंपनी स्विच करने के लिए कह रहे होंगे. निश्चित तौर पर यह कंपनियां आपके मौजूदा बीमाकर्ता से तुलना में आकर्षक औफर्स की पेशकश करती हैं, लेकिन ग्राहकों को कंपनी स्विच करने से पहले प्रीमियम राशि के अलावा भी कई चीजों को ध्यान में रखना चाहिए. हम अपनी इस खबर में यही बताने जा रहे हैं कि क्या बीमा कंपनी बदलना समझदारी है, अगर कंपनी स्विच करें तो किन बातों का ख्याल रखना चाहिए और अगर नहीं करना चाहिए तो इसके क्या कारण हैं.

क्या जीवन बीमा बदलना समझदारी?

जीवन बीमा उपभोक्ता केवल उस स्थिति में बदलें अगर आप अपनी मौजूदा बीमा कंपनी की सेवाएं के खुश नहीं हैं. इसके अलावा आपको बता दें कि अगर आप बीमा कंपनी स्विच करती हैं तो नई कंपनी नये सिरे से आपका जीवन बीमा शुरू करती है. आपकी पौलिसी का प्रीमियम आपकी उम्र के आधार पर तय होता है. ऐसे में आप जब भी अपनी कंपनी स्विच करने का सोचेंगे आपको निश्चित तौर पर अपनी मौजूदा कंपनी से ज्यादा प्रीमियम का भुगतान करना पड़ेगा. आपको स्पष्ट कर दें कि जीवन बीमा में पोर्टेबिलिटी जैसी कोई सुविधा नहीं होती, यह केवल हेल्थ इंश्योरेंस में उपलब्ध है.

जीवन बीमाकर्ता बदलते समय केवल कम प्रीमियम ही वजह नहीं होनी चाहिए. बीमाधारक को इसके अलावा क्लेम सेटलमेंट रेश्यो, बीमा में शामिल सेवाएं, नियम व शर्तें, कंपनी की हिस्ट्री आदि भी जरूर ध्यान में रखें.

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जीवन बीमाकर्ता बदलने से पहले किन बातों का रखें ध्यान

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