शादी जिन्दगी का एक बहुत बड़ा फैसला है. शादी के बाद आपकी जिन्दगी सिर्फ आपकी नहीं रहती. आप अपनी जिन्दगी किसी और के साथ शेयर करती हैं. शादी सिर्फ रस्मों और पैसों से ही नहीं होती, प्रेम, विश्वास और एक दूसरे को समझना भी बहुत जरूरी है. पर शादी की शॉपिंग से भी ज्यादा जरूरी है फाइनेंशियल प्लैनिंग.

शादी में मैचिंग कपड़ें लेने साथ में जाते हैं, तो क्यों न साथ में बैठकर भविष्य के लिए फाइनेंशियल प्लैनिंग भी कर ली जाए? आप एक दूसरे को बेहतर तरीके से समझ भी पाएंगे और एक सुखद भविष्य की तैयारी भी हो जाएगी.

बचत खाता

शादी के बाद आप दोनों का अक ज्वाइंट बचत खाता जरूर होना चाहिए. इससे आप दोनों खुद के लिए और खुद के भविष्य के लिए बेहतर निर्णय ले पाएंगे.

बनायें नॉमिनी

आपने अपने सेविंग अकाउंट, पीएफ अकाउंट या इंश्योरेंस का नॉमिनी अपने माता-पिता और भाई-बहनों को ही बनाया होगा. पर शादी के बाद आपको इसमें बदलाव करने होंगे. आप अपने पार्टनर को नॉमिनी बना सकती हैं.

दोनों मिलकर लें फैसला

शादी आप दोनों ने मिलकर की है, तो वित्तीय फैसले लेने का हक भी आप दोनों के पास है. कोई भी वित्तीय फैसला या निवेश से जुड़ी कोई भी अहम निर्णय अपने पार्टनर को पूछे बिना न लें. शादी के बाद आपके हर फैसले का आपके पार्टनर पर सीधा असर पड़ता है. अपने पार्टनर की राय जरूर लें.

बहुत जरूरी है इमरजेंसी फंड

अगर आप और आपका जीवनसाथी दोनों नौकरी करते हैं तो आपको एक ज्वाइंट इमरजेंसी फंड जरूर बनाना चाहिए. अगर सिर्फ आप ही वर्किंग है तो इमरजेंसी फंड बनाना और भी ज्यादा जरूरी है. इमरजेंसी फंड में इतनी बचत करें की नौकरी चली जाने पर भी 6 महीनों तक आराम से आपका खर्च चल सके.

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