आम धारणा है कि लोग यहां फ्यूचर की चिंता तो बहुत करते हैं, लेकिन वे अपने भविष्‍य को आर्थिक रूप से सुरक्षित बनाने के लिए समय से फाइनेंशियल प्लानिंग नहीं करते.

भारत में यह एक आम धारणा है कि लोग यहां फ्यूचर की चिंता तो बहुत करते हैं, लेकिन वे अपने भविष्‍य को आर्थिक रूप से सुरक्षित करने के लिए समय से फाइनेंशियल प्लानिंग नहीं करते हैं. खर्च से पहले बचत की आदत नहीं डालते हैं. इसके परिणामस्‍वरूप 30-35 साल नौकरी या बिजनेस करने के बावजूद अधिकांश लोगों के पास रिटायरमेंट के समय जीने लायक पैसा नहीं होता है.

कारण यह है कि आमतौर पर आप अपने करियर के शुरुआती सालों में सेविंग व इन्वेस्टमेंट पर ज्यादा ध्यान नहीं देती हैं. फाइनेंशियल प्लानिंग के नजरिए से देखें तो इससे हम आसान सेविंग के सुनहरे साल खो देती हैं. एक्सपर्ट्स का मानना है कि रिटायरमेंट के लिए प्लानिंग उसी समय से शुरू होनी चाहिए, जब आप कमाना शुरू करती हैं.

हम आपको बता रहे हैं पांच ऐसे गोल्डन रूल जिनका पालन कर आप अपने रिटायरमेंट के लिए करोड़ों रुपए का फंड बना सकती हैं...

इनकम का 10 फीसदी जरूर बचाएं : रिटायरमेंट प्लानिंग का पहला रूल है कि आप अपनी मासिक इनकम का 10 फीसदी जरूरी बचाएं. अगर आप नौकरी करती हैं, तो आपके प्रोविडेंट फंड में इतनी रकम जाती है. आज आपको यह रकम थोड़ी लग सकती है लेकिन लांग टर्म में कंपाउंडिंग की पावर इसे बड़ी रकम में तब्दील कर देगी. अगर आप नौकरी नहीं करती हैं और बिजनेस करती हैं तो आप अपनी इनकम का 10 फीसदी लांग टर्म के लिए म्यूचुअल फंड में लगा सकती हैं.

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