पूरी दुनिया में मंदी का दौर चल रहा है, इसलिए इन दिनों राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय शेयर बाजार बहुत ही अस्थिर हैं. ऐसे में बाजार में निवेशकों को बहुत ही सचेत रहने की जरूरत है. म्यूचुअल फंड में निवेश के बारे में विशलिस्ट कैपिटल ऐडवाइजर प्रा.लि. के नीलांजन डे के अनुसार म्यूचुअल फंड में सब से पहले ध्यान में रखने की बात यह है कि निवेशक कोई स्वतंत्र व्यक्ति है या कोई संस्थान है.

पहला सवाल यह है कि किस तरह के फंड की जरूरत है? इस के लिए पहले यह जानना जरूरी होता है कि मौजूदा समय में बाजार में किस तरह का फंड उपलब्ध है. इक्विटी यानी वह फंड, जो मूलतया शेयर बाजार में निवेश करता है या डेट यानी वह फंड, जो मूलतया बौंड और डिबैंचर में निवेश करता है. फंड की ये प्राथमिक 2 श्रेणियां हैं. लेकिन इस के बाद भी इन के कई छोटे विभाजन हैं. इन की जानकारी जरूर रखनी चाहिए.

अगर कोई फंड के लिए पोर्टफोलियो तैयार करना चाहता है, तो उसे सब से पहले रिस्क प्रोफाइल बनाना चाहिए:

- कितना रिस्क लेने को आप तैयार हैं?

- इक्विटी में अचानक होने वाले बदलाव को आप झेल पाएंगे? या फिर आप डेट की सेफ्टी और स्टेबिलिटी चाहते हैं?

- आप क्या तुरंत नियमित आय चाहते हैं या फिर आप बाद में और अधिक लाभ कमाने के लिए कुछ समय तक इंतजार कर सकते हैं?

- आप कितने दिनों के लिए निवेश करना चाहते हैं?

पहले प्लान बना लें

निवेश से पहले यह भी जानना जरूरी है कि फंड हाउस को प्रमोट कौन कर रहा है? उस का लागत अनुपात कितना है? निवेशकों को उचित सेवा मुहैया कराई जा रही है या नहीं?

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