कुछ ऐसे जरूरी कागजात होते हैं, जिन्‍हें सभी को नौकरी छोड़ने से पहले अपने पुराने इंप्‍लॉयर से जरूर ले लेने चाहिए. जिससे आपको टैक्‍स भरने में मुश्किल न आए.

ऐसी कई समस्‍याएं हैं जो नौकरी छोड़ने के बाद आपको हो सकती हैं और ये किसी एक के साथ ही नहीं, बल्‍कि हजारों लोगों के साथ होती हैं, जिन्‍होंने साल के बीच में ही जॉब छोड़ी है. यही ध्‍यान में रखते हुए आज हम आपको बताने जा रहे हैं उन जरूरी कागजातों के बारे में जिन्‍हें आपको नौकरी छोड़ते वक्‍त जरूर ले लेने चाहिए. जिससे आपको टैक्‍स भरने में कोई मुश्किल न आए.

नौकरी छोड़ने से पहले जरूर ले लें फॉर्म 16

अक्‍सर हम जॉब छोड़ते समय हम एचआर के पास नो ड्यूज और एनओसी तो जमा करा देते हैं, लेकिन कुछ जरूरी कागजात नहीं लेते. इनमें ही सबसे अहम है फॉर्म 16. अक्‍सर हमें इंवेस्‍टमेंट प्रूफ और टैक्‍स भरते वक्‍त इस फॉर्म 16 की याद आती है. फॉर्म 16 नहीं होने की स्थिति में टैक्‍स की सही गणना करना मुश्किल होता है. ऐसे में जब भी जॉब छोड़ें अपने एचआर से मौजूदा साल के लिए फॉर्म 16 लेना न भूलें.

इंवेस्‍टमेंट प्रूफ

आपकी नई या पुरानी कंपनी का एचआर आपकी सैलरी में से टीडीएस की गणना आपके द्वारा किए गए इंवेस्‍टमेंट डिक्‍लेरेशन के आधार पर करता है. यह डिक्‍लेरेशन आपको हर साल की शुरूआत में करना होता है. अगर, आप अपने नए नियोक्‍ता के पास मिली सैलरी की जानकारी नहीं देती हैं तो नया नियोक्‍ता टैक्‍स की गणना बचे हुए महीने पर करता है. यह भी संभावना हो सकती है कि आपने इनकम टैक्‍स की धारा 80C के तहत अधिक निवेश किया है और नियोक्‍ता को कम बता रहे हैं. इससे बचने के लिए इनकम टैक्‍स फाइल करने से पहले अपने निवेश के कागजात से सही ब्‍योरा तैयार कर लें.

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