लान्ग टर्म फाइनेंशियल गोल के लिए सबसे अच्छा ऑपशन है एसआईपी (सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लैन) बेस्ड निवेश. आप जितनी जल्दी इसे शुरू करेंगी अपको उतना ही फायदा होगा. एसआईपी से फायदा होने के साथ ही निवेशकों के जीवन में फाइनेंशियल डिसीप्लीन भी आता है.

कुछ निवेशक ऐसे होते हैं जो निवेश शुरू तो कर लेते हैं पर कन्टीन्यु नहीं कर पाते. ऐसे लोग अपने पास के लोगों को हो रहे फायदे को देखकर निवेश शुरू करते हैं. पर जैसे ही बाजार में गिरावट आती है ऐसे लोग निवेश करना छोड़ देते हैं. ऐसी आदतों पर एसआईपी लगाम लगाता है. एसआईपी निवेशकों को एक फिक्सड अमाउंट निवेश करने पर मजबूर करता है भले ही मार्केट में कितना ही उतार-चढ़ाव क्यों न हो. ऐसा इसलिए है क्योंकि निवेश के पैसे आपके अकाउंट से ही कट जाते हैं.

आप एसआईपी डेट सैलेरी डेट के बाद भी रख सकती हैं. इससे आप अपने निवेश के पैसे खर्च करने से बच सकती हैं. जब तक आप लंबे समय तक थोड़ा-थोड़ा निवेश नहीं करती आप एक बड़ा कोष नहीं बना सकती. जैसे अगर आप रिटायरमेंट के बाद 1 करोड़ रुपए जमा करना चाहती हैं तो ऐसा एसआईपी से ही संभव है. एसआईपी रिटायरमेंट प्लैनिंग में भी सहायक है.

ऐसे काम करता है एसआईपी

जब भी आप किसी म्युचुअल फंड स्कीम के लिए ऑप्ट करती हैं तो हमेंशा ‘1 टाइम इनवेस्टमेंट’ के बजाए एसआईपी ऑप्ट करें. अकाउंट से विड्राल की डेट सोच समझकर ही ऑप्ट करें. क्योंकि ज्यादातर कंपनियां डेट चैंज करने में आनाकानी करती है.

आप ऑनलाइन पोर्टल के द्वारा भी इनवेस्ट कर सकते हैं. पर बहुत सी कंपनीयां ये फैसिलीटी प्रोवाइड नहीं करती.

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