जब बात टैक्स बचाने की आती है, तो आप अपनी जानकारी के अनुसार आईटी एक्ट की धारा 80सी के तहत मिलने वाले विकल्प खंगालती हैं. लेकिन क्या आप जानती हैं कि टैक्स बचाने के कुछ और ऐसे रास्ते भी हैं, जिस पर ज्यादा लोग ध्यान नहीं देते. आइए, हमारे साथ जानिए क्या हैं वो तरीके...

चैरिटेबल संस्‍थान को दान

आप पैसे को दान दे सकती हैं बशर्ते जिस भी धर्मार्थ संस्‍थान को आप राशि दान दे रही हैं, वह डोनेशन के लिए मंजूर की गई संस्‍थानों की सूची में होना चाहिए.

आश्रित सदस्य के इलाज या रखरखाव पर खर्च

आप अपने आश्रितों पर खर्च करके भी टैक्स बचा सकती हैं. लेकिन ध्यान रहे ये व्यक्ति पूरी तरह और सिर्फ आप पर आश्रित होना चाहिए. साथ ही यह तब भी लागू होता है जब आपने इलाज के खर्च से निपटने के लिए विकलांग कर्मचारी के तौर पर टैक्स कटौती का आवेदन ना किया हो.

आश्रित सदस्य की किसी खास बीमारी का इलाज

इसके लिए शर्त यह है कि जो भी इलाज में खर्च आया है, उसके बदले आपको अपनी कंपनी या फिर बीमा कंपनी से कोई रकम ना मिली हो. इसके अलावा ये छूट सिर्फ कैंसर और न्यूरोलॉजिकल बीमारियों के मामले में मिलती है.

होम लोन पर ब्याज

अगर आप मकान में रहती हैं, केवल तभी इस विकल्प का फायदा उठा सकती हैं. अगर यह मकान किराए पर दिया हुआ है, साल का पूरा ब्याज टैक्स बचत के रूप में क्लेम किया जा सकता है.

NPS में निवेश

इसमें निवेश की शर्त यह है कि सेक्‍शन 80सी, 80सीसीसी और 80सीसीडी के तहत जिस राशि पर टैक्स बचत क्लेम की जा रही है, वो साल में 1.5 लाख रुपये से ज्‍यादा नहीं होनी चाहिए.

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