ये बात तो आप भी समझती ही हैं कि पर्सनल लोन उसी समय लें जब आपको किसी काम के लिए तुरन्त धन की आवश्यकता हो. किसी भी व्यक्ति के समक्ष वित्तीय संकट कभी भी आ सकता है. तब ये जरुरी है कि इससे निपटने के लिए वे कैसे पूरी तरह से तैयार रहते हैं.

ऐसी परिस्थितियां तभी पैदा होती है जब आय के अनुपात में बचत कम होती है और खर्च बढ़ जाते हैं. अकस्मात खर्च के कई कारण होते हैं, जैसे - छुट्टीयां बिताने के लिए कहीं जाना, स्कूल और कॉलेज की फीस जमा कराना, वैवाहिक खर्च, घर के बढ़े हुए खर्च या उपभोक्त सामान की खरीद पर अनावश्यक खर्च आदि.

इन सभी खर्चों से वित्तीय संकट उपस्थित हो जाता है. यहां हम आपको कुछ ऐसी बाते बताने जा रहे हैं, जिन्हें आपको पर्सनल लोन लेते वक्त ध्यान में रखना जरूरी है...

लोन लेने से पहले सिबिल (CIBIL) स्कोर चेक करें

पर्सनल लोन के लिए आवेदन करने से पहले आपको सिबिल स्कोर को चेक कर लेना चाहिये. ऋण चुकाने की आपकी क्षमता के आधार पर ही पर्सनल लोन पर ब्याज की दर निर्धारित की जाती है, क्योंकि यदि आपके खर्च के अनुपात में बचत कम है तो ब्याज की दर बढ़ जाती है. यदि आपका क्रेडिट स्कोर ज्यादा है, तो बैंक आपसे अधिक ब्याज की दर वसूलता है. यदि आप लोन की र्इएमआर्इ नहीं चुका पाती हैं, तो आपकी ऋण चुकाने के संबंध में आपकी साख घट जाती है. CIBIL स्कोर चेक करने के लिए मासिक, छमाही और वार्षिक फीस लगती है.

प्रोसेसिंग फीस

बैंक आपके पर्सनल लोन के आवेदन पर कार्रवाई करने के लिए प्रोसेसिंग फीस लेता है, जिसको ले कर बैंकों में आपसी प्रतिस्पर्धा है. निजी बैंक सरकारी बैंको की तुलना में अधिक प्रोसेसिंग फिस लेते हैं.

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