अगर आप दिल की बीमारी से ग्रसित हैं तो वायु प्रदूषण वाले जगहों पर घमूने से बचें, क्योंकि यह आपके लिए जानलेवा साबित हो सकता है. एक नए अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है कि वायु प्रदूषण और दिल के दौरे व हृदय संबंधी अन्य बीमारियों के बीच काफी गहरा संबंध होता है.

'अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन' (एएचए) ने एक बयान में बताया है कि जिन लोगों को दिल से जुड़ी हुई बीमारी है, उन्हें प्रदूषण से दूर रहना चाहिए. एएचए से जुड़े विशेषज्ञों ने बताया कि इस बात के सबूत हैं कि हृदय रोगियों के लिए वायु प्रदूषण घातक होता है. वायु प्रदूषण से हृदय के कार्य करने की प्रणाली कई तरह से प्रभावित हो सकती है. इससे फेफड़े में जलन, सांस लेने में दिक्कत और सूजन जैसी समस्याएं आती हैं.

मिशिगन विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर रॉबर्ट डी. ब्रुक ने कहा, "यह संभव है कि प्रदूषित वातावरण में मौजूद कोई सूक्ष्म रासायनिक तत्व शरीर में प्रवेश कर जाए और हृदय को सीधे तौर पर हानि पहुंचाए." ब्रुक ने बताया,"संक्रमित फेफड़े की तंत्रिका तंत्र पूरे शरीर के संतुलन को बाधित कर सकती है. लिहाजा इससे खून के थक्के बनेंगे, रक्तचाप बढ़ेगा और हृदय की गतिविधि में गड़बड़ी आएगी. इन सारी खामियों के चलते दिल के दौरे पड़ने, हृदय संबंधी बीमारियों और यहां तक की मौत होने की आशंका बढ़ जाती है."

उद्योग के क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाले जीवाश्म ईंधन, बिजली उत्पादन और यातायात वायु प्रदूषण के बड़े स्रोत हैं. कुछ खास इलाकों में जैव ईंधन के जलाने, खाना बनाने, घरेलू कामकाज और जंगलों में लगने वाली आग भी वायु प्रदूषण के स्रोत होते हैं.

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