मां का दूध बच्चों के लिए सबसे अच्छा होता है. हाल ही में किये गये एक रिसर्च के मुताबिक ये बच्चों का ना सिर्फ विकास करता है बल्कि बच्चों को इंफेक्शन से होने वाली बीमारियों से भी बचाता है.

शोधकर्ताओं ने रिसर्च में पाया था कि गर्भवती महिलाओं में ग्रुप बी स्ट्रेप बैक्टीरिया होते हैं और ये जर्म्स ब्रेस्टफीडिंग के जरिए नवजातों में चले जाते हैं. लेकिन चूंकि अधिकांश नवजात इस ग्रुप बी स्ट्रेप बैक्टीरिया की चपेट में आने से बच जाते हैं, इसलिए शोधकर्ताओं ने यह जानने के लिए रिसर्च किया कि मां के दूध में ऐसा कौन सा तत्व पाया जाता है, जो बच्चों में इन बैक्टीरियों से लड़ने का काम करते हैं.

फिर उनके द्वारा किये गये रिसर्च में पता चला कि मां के दूध में एक खास किस्म का शक्कर पाया जाता है, जो नवजातों की खतरनाक बैक्टीरियों से रक्षा करती है. दुनियाभर में गर्भवती महिलाओं में पाया जाने वाला ग्रुप बी स्ट्रेप बैक्टीरियम नवजातों में गंभीर इंफेक्शन पैदा करके उनमें सेप्सिस या निमोनिया जैसी गंभीर बीमारियां होने का खतरा पैदा करता है. नवजातों का इम्यून सिस्टम पूरी तरीके से विकसित नहीं हो पाता इसलिए इंफेक्शन के बढ़ने से बच्चों की मौत भी हो जाती है.

रिसर्च में सामने आया कि मां के दूध से मिलने वाला शक्कर एक एंटीबायोफिल्म की तरह काम करता है. मां के दूध में पाए जाने वाले इस तत्व की यह सबसे अविश्वसनीय खासियत है कि इसमें टाक्सिंस बिल्कुल नहीं होते, जैसा कि अन्य एंटीबायोटिक्स में होता है.

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