हर मां बच्चे को हर हालत में स्तनपान ही कराना चाहती है और इस में खास बात यह है कि मां का दूध बच्चे के लिए सर्वोत्तम होता है. एक रिसर्च के अनुसार मां के दूध में 100 ऐसे पदार्थ पाए जाते हैं, जो गाय या भैंस के दूध में नहीं होते और न ही किसी प्रयोगशाला में बनाए जा सकते हैं.

मां के दूध में बच्चे की जरूरत के अनुसार अपनेआप ही परिवर्तन होते रहते हैं. जैसे सुबह का दूध दोपहर के दूध से फर्क होता है ताकि बच्चे को दूध पचाने में आसानी हो. ऐसे ही मां के दूध में गाय के दूध के मुकाबले सोडियम कम मात्रा में होता है, जिस से बच्चे के गुरदे आसानी से कार्य कर सकते हैं.

मां के दूध को बढ़ाता है सातावरी जड़ी बूटी वाला लैक्टेशन सप्लीमेंट

आइए जानते हैं कैसे बच्चे की सेहत के लिए फायदेमंद है मां का दूध…

1. पाचनक्रिया के अनुकूल

दरअसल, मां का दूध बच्चे की पाचनक्रिया और उस की संवेदनशीलता के अनुकूल होता है. इसीलिए इस में मौजूद प्रोटीन बच्चा सुगमता से पचा लेता है. जबकि गाय के दूध में होने वाला प्रोटीन और फैट जल्दी हजम नहीं होता. स्तनपान करने वाले शिशुओं में गैस कम बनती है और वे उलटी वगैरह से ज्यादा दूध भी नहीं निकालते. मां का दूध बच्चे के लिए सुरक्षित है. यह पहले से तैयार नहीं होता, इसलिए इस में संक्रमण नहीं होता और यह खराब नहीं होता.

2. पेट को देता आराम

मां का दूध खुद ही पाचन योग्य है, इसलिए जल्दी हजम हो जाता है. बच्चे को कब्ज की शिकायत और डायरिया की आशंका भी नहीं होती. मां का दूध भोजन हजम न करने वाले हानिकारक माइक्रो और्गनिज्म को निष्क्रिय कर शारीरिक वृद्धि वाले तत्त्वों को पैदा करने में सहायक होता है.

3. रोकता संक्रमण

स्तनपान से शिशुओं को ऐंटीबौडीज की बहुत हैवी डोज मिलती रहती है, जिस से उन के शरीर में प्रतिरोधात्मक शक्ति अधिक होती है. अकसर पाया गया है कि मां का दूध पीने वाले बच्चों को नजला, जुकाम, कान, श्वासनली और मूत्राशय में संक्रमण की शिकायत बहुत कम होती है. यदि कुछ हो भी तो वह बहुत जल्दी ठीक हो जाता है, जबकि बोतल का दूध पीने वाले बच्चे को अकसर ऐसे छोटेमोटे संक्रमण हो जाते हैं. टिटनैस, डिप्थीरिया, पोलियो जैसे रोगों से लड़ने के लिए मां का दूध प्रतिरोधक के रूप में कार्य करता है.

4. मोटापे से बचाए

कई बार देखा गया है कि मां का दूध पीने वाले बच्चे, बोतल का दूध पीने वाले बच्चों के मुकाबले अधिक स्वस्थ होते हैं पर वजनी नहीं. वे मोटापे का शिकार नहीं होते. मां का दूध बच्चे को संतुष्टि देता है, भूख मिटाता है. यह बात बच्चे के शारीरिक विकास में किशोरावस्था में भी देखी जा सकती है. अनुमान है कि मां का दूध पीने वाले बच्चों में कोलैस्ट्रौल लेवल भी नियंत्रित रहता है.

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