एक टुकड़ा केक, 2 लड्डू, दिन में 4-5 कप चाय या कौफी, ठंडा पेय, बिस्कुट, हलवा, खीर और भी न जाने क्याक्या. इस तरह हम दिन भर में 1 कप चीनी खा जाते हैं. 1 कप यानी 770 कैलोरी. क्या आप भी औरों की तरह यह परवाह नहीं करतीं कि आप के शरीर को कितनी शकर की जरूरत है और कितनी आप खा रही हैं या फिर आप इतनी व्यस्त हैं कि इस के बारे में सोचनेसमझने की फुरसत ही नहीं है आप को?

स्वास्थ्य के लिहाज से क्या यह मिठास हमारे जीवन में कड़वाहट नहीं भरेगी? आइए जानते हैं कि ज्यादा मीठा हमें कितना नुकसान पहुंचाता है.

एक सर्वे के अनुसार अब हम पहले से कई गुना अधिक शकर का सेवन कर रहे हैं. यह शकर अधिक नुकसानदेह इसलिए भी है कि जिन स्रोतों से यह प्राप्त हो रही है वे प्राकृतिक न हो कर अप्राकृतिक हैं. इसीलिए यह फायदा कम नुकसान ज्यादा करती है. जितनी शकर हम खाते हैं, उस का केवल एकचौथाई ही प्राकृतिक स्रोतों-फलों, सब्जियों और डेयरी उत्पादों से प्राप्त होता है. बाकी तीनचौथाई खाद्यपदार्थों को सुस्वाद बनाने के लिए उपयोग की गई कृत्रिम चीनी के रूप में लेते हैं. जैसे ठंडे पेय, आइसक्रीम, बिस्कुट, केक, मिठाई आदि.

दांतों में सड़न

दांतों की सड़न की जिम्मेदार चीनी ही होती है, क्योंकि दांतों के कीटाणु मीठे पर ही आश्रित होते हैं. ये कीटाणु ऐसा ऐसिड छोड़ते हैं, जिस से दांतों में कीड़ा लग जाता है व दांत खोखले हो जाते हैं. लेकिन दांतों के संक्रमण के लिए केवल मीठी चीजें ही दोषी नहीं होती हैं. कोई भी कार्बोहाइड्रेट रोटी या अन्य खाद्यपदार्थ भी उतना ही नुकसान पहुंचाते हैं जितना चीनी. चिपकने वाली मिठाई के सेवन से बचना चाहिए. धीरेधीरे घुलने वाली गोलियां, टौफियां, जो दांतों के बीच फंस जाती हैं, से भी परहेज करना ही ठीक है. सोने से पहले नियमित ब्रश करने से इस नुकसान से बचा जा सकता है.

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