रितिका की हाइट 5 फुट 4 इंच और वजन 57 किलोग्राम था. वह यह सोच कर खुश रहती थी कि उस का फिगर परफैक्ट है, वह हैल्दी है और किसी किस्म के खतरे से परे भी. उसे धक्का तब लगा जब उस के डाक्टर ने बताया कि उस का बीएमआई (बौडी मास इंडैक्स) यह कहता है कि वह मोटी है. उस की कमर फैली हुई थी और पेट के हिस्से में फैट जमा था. यह परेशान करने वाली बात थी, क्योंकि ऐसा होना कई बीमारियां होने का कारण बन सकता है.

जरूरी है लाइफस्टाइल में बदलाव

फोर्टिस हौस्पिटल, वसंत कुंज के बैरिएट्रिक सर्जन डा. रंदीप वधावन के अनुसार, ‘‘मोटापा पूरी दुनिया में एक महामारी जैसा फैल रहा है. इस की वजह से डायबिटीज, हाईपरटैंशन, हार्ट फेलियर, अस्थमा, कोलैस्ट्रौल, अत्यधिक पसीना आना, जोड़ों में दर्द, इन्फर्टिलिटी आदि का खतरा बढ़ जाता है.’’ डायबिटीज फाउंडेशन औफ इंडिया, एम्स और फोर्टिस हौस्पिटल द्वारा की गई एक रिसर्च के अनुसार ऐसे कई लोग हैं, विशेषकर महिलाएं जिन का बीएमआई इंडैक्स तो ठीक होता है पर फिर भी वे ओवरवेट के दर्जे में आती हैं. ऐसा पेट के हिस्से पर अत्यधिक फैट जमा होने की वजह से होता है जिस के लिए तुरंत डाइट पर नियंत्रण व लाइफस्टाइल में बदलाव करने की जरूरत होती है.

स्टडी से यह बात भी सामने आई कि दिल्ली के स्कूलों में लगभग 21% बच्चे मोटापे का शिकार हैं. यह प्रतिशत उन के जंक फूड खाने की प्रवृत्ति और निष्क्रिय जीवनशैली के चलते लगातार बढ़ रहा है. लगभग 68% शहरी बच्चों की कोई शारीरिक गतिविधि नहीं है, न ही वे आउटडोर गेम्स खेलते हैं.

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