मोटापे से पीडि़त व्यक्ति उसी को कहा जाता है, जिस का भार जरूरत से ज्यादा होता है तथा जिस के शरीर में वसा की उच्च मात्रा विद्यमान होती है. इसे बीएमआई यानी बौडी मास इंडैक्स द्वारा मापा जाता है, जिस में लंबाई और भार की माप की जाती है. गंभीर मोटापे का शिकार वह व्यक्ति माना जाता है, जिस की बीएमआई बहुत गड़बड़ होता है. यानी वह व्यक्ति जो आदर्श भार से दोगुना भार ग्रहण कर लेता है.

मोटापा एक गंभीर बीमारी है. इस के साथ कई बीमारियां होने का खतरा बना रहता है, जिस से मोटापे से ग्रस्त व्यक्ति को तरहतरह की असुविधा तथा संकटों से गुजरना पड़ सकता है. मोटापे से जुड़ी बीमारियों के दायरे में डायबिटीज मेलिटस (उच्च रक्त शर्करा), हाइपरटैंशन (उच्च रक्तचाप), औब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया (रात में सोने के दौरान सांस लेने में आने वाली बारबार की रुकावट), डीजनरेटिव जौइंट डिजीज, हाइपर लिपिडेमिया, हाइपरयूरिसेमिया, फैटी लिवर, अवसाद, पौलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज (पीसीओडी), दमा और कुछ प्रकार के कैंसर आते हैं. मोटापा सभी अंगों पर नकारात्मक प्रभाव डालता है तथा इस से अनेक प्रकार के लक्षण प्रकट होते हैं, जिसे मोटापे का मेटाबौलिक सिंपटम कहा जाता है.

जिम्मेदार फास्ट फूड व जंक फूड

मनुष्य शरीर को शक्ति प्रदान करने के लिए रक्तधारा में शर्करा की आवश्यकता पड़ती है. डायबिटीज उस समय होती है, जब रक्त शर्करा स्तर सामान्य स्तर से ऊपर चला जाता है. डायबिटीज के रोगी का शरीर इंसुलीन बनाने के लिए शर्करा का इस्तेमाल करने में सक्षम नहीं होता अथवा वह जो इंसुलीन बनाता है वह अनुकूल रूप से कार्य नहीं करता, जिस के कारण रक्त एवं ऊतकों में शर्करा की मात्रा बढ़ जाती है, जिस के परिणामस्वरूप डायबिटीज एवं उस से संबद्ध समस्याएं बढ़ जाती हैं.

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