हमारे शरीर में किस चीज की कमी है या कौन सी बीमारी दस्तक दे रही है, उस की कंडीशन क्या है आदि हमारे नाखून आसानी से बता देते हैं.

इस बारे में मुंबई की ‘द स्किन इन’ की डर्मेटोलौजिस्ट डा. सोमा सरकार बताती हैं कि नाखूनों की सहायता से मिनरल्स, विटामिंस की कमी के अलावा थायराइड, ऐनीमिया, कार्डियक डिजीज, लंग्स डिसऔर्डर आदि बीमारियों का पता आसानी से लगाया जा सकता है. हैल्दी नाखूनों का रंग हमेशा हलका गुलाबी होता है. हर दिन हैल्दी नाखून 0.003 मिलीमीटर से 0.01 मिलीमीटर तक बढ़ते हैं, लेकिन यह व्यक्ति की उम्र और स्वास्थ्य पर भी निर्भर करता है. कम उम्र में नाखून जल्दी बढ़ते हैं, जबकि अधिक उम्र होने पर इन के बढ़ने की रफ्तार धीमी हो जाती है. ठंड के मौसम में नाखून जल्दी नहीं बढ़ते, जबकि गरमी के मौसम में जल्दी बढ़ते हैं.

क्या कहते हैं नाखून

- अगर नाखूनों का आकार तोते की चोंच की तरह हो रहा है, तो उस व्यक्ति को कार्डियक की बीमारी या लंग्स डिसऔर्डर होने की संभावना होती है.

- नाखून की सतह पर सफेद लकीरें बायोटिन की कमी का संकेत देती हैं. बायोटिन शरीर में उपस्थित बैड कोलैस्ट्रौल को घटा कर शरीर को ऊर्जा प्रदान करती है. इस के अलावा ऐसे नाखून लिवर संबंधी बीमारी की ओर भी इशारा करते हैं. इस के लिए फ्रैश वैजिटेबल्स और सलाद खाना लाभदायक रहता है.

- कैल्सियम, प्रोटीन और विटामिंस की कमी से नाखून ब्रिटल हो जाते हैं. इस में नाखूनों के ऊपर से पपड़ी निकलने लगती है. असल में ऐसे नाखूनों में ब्लड सर्कुलेशन कम होता है. ऐसे नाखून वाले व्यक्ति अधिकतर थायराइड या आयरन की कमी के शिकार होते हैं. अत: समय रहते इलाज कराना जरूरी है. एग, फिश, बादाम आदि का सेवन इस में लाभदायक होता है.

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