आजकल की भागदौड़ भरी जीवनशैली में इंसान का पूरी तरह से स्वस्थ रहना अपने आप में एक चुनौती है. खासतौर पर मेट्रो शहरों में काम कर रहे लोगों के लिए तो ये चुनौती और ज्यादा बढ़ जाती है. औफिस की टाइमिंग, घर संभालना, परिवार की जरूरतें जैसी तमाम चीजों के बीच लोगों को अपने लिए पर्याप्त वक्त निकालना मुश्किल हो गया है. ऐसे में उन्हें तमाम तरह की बीमारियों और सेहत संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

पांच घंटो से कम नींद लेने वालों के लिए गंभीर और जानलेवा बीमारी का खतरा है. 50 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों पर हुए इस अध्ययन में ये बातें सामने आईं कि पूरी नींद ना लेने से भविष्य में दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है. स्वीडन की यूनिवर्सिटी औफ गोथेनबर्ग के मोआ बेंगस्टन ने कहा कि, ‘अति व्यस्त लोगों को लगता है कि सोना समय की बर्बादी है. लेकिन हमारे अध्ययन में ये बात स्पष्ट हुई कि कम नींद लेने से भविष्य में दिल की बीमारी का खतरा है.’

1993 के इस अध्ययन में पाया गया की रात में पांच घंटे या उससे कम समय सोने वाले लोगों में उच्च रक्तचाप, मधुमेह, कम शारीरिक गतिविधि, मोटापा और खराब नींद की समस्या पाई गई है. मोआ ने कहा कि सभी लोगों को स्वस्थ रहने  के लिए पर्याप्त नींद लेनी चहिए.

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