गंजापन एक ऐसी समस्या है, जो न सिर्फ पुरुषों में, बल्कि महिलाओं में भी तेजी से उभर रही है. इस की वजह जेनेटिक होने के साथसाथ आधुनिक जीवनशैली और हमारी डाइट भी है. महिलाओं में यह समस्या बालों के पतले होने और फिर छोटेछोटे धब्बों में गंजेपन के रूप में दिखाई देने लगती है, विशेषकर मेनोपाज के बाद या उस दौरान. हेयर ट्रांसप्लांट, हेयर वीविंग, बांडिंग व विग लगाने जैसी अनेक सर्जिकल व नौनसर्जिकल प्रक्रियाएं व अनेक मेडिकल थेरैपियों का प्रयोग इसे ठीक करने के लिए किया जाता है. पिछले कुछ वर्षों में नौनसर्जिकल हेयर रिप्लेसमेंट तकनीकें ज्यादा लोकप्रिय हुई हैं, खासकर मेल पैटर्न बैल्डनेस में. इस बारे में हम ने बात की रिचफील ट्रिकोलोजी सेंटर, मुंबई की ट्रिकोलोजिस्ट डा. सोनल शाह से. प्रस्तुत हैं उन के साथ हुए साक्षात्कार के अंश :

नौनसर्जिकल हेयर रिप्लेसमेंट क्या है?

यह एक केयरफ्री हेयर ट्रीटमेंट होता है, जो आप के बालों को देता है बिलकुल नैचुरल लुक. यह ठीक न होने वाले गंजेपन, एलोपीसिया व बालों के गिरने की समस्याओं के लिए एक बेहतरीन विकल्प है. अभी भी आमतौर पर यह धारणा है कि हेयर रिप्लेसमेंट या बाल प्रतिरोपण का मतलब विग पहनना ही है, पर ऐसा नहीं है.आधुनिक तकनीक ने ऐसे परिणाम दिए हैं, जो अतिसूक्ष्म, अत्यधिक आरामदायक, अत्यधिक नैचुरल तो होते ही हैं, साथ ही उन की सहायता ले कर सुगमता से जीवन बिताया जा सकता है. इस तकनीक में सिर की त्वचा के लिए एक पतली, हलकी और पारदर्शी झिल्ली तैयार की जाती है, जिसे व्यक्ति के बालों के साथ मिलाया जाता है और फिर इसे सिर की त्वचा के साथ जोड़ कर असली बालों के साथ बुना जाता है ताकि एक नैचुरल प्रभाव बन सके. ऐसा करने से झिल्ली बालों के रंग, घनत्व व स्टाइल के साथ इस तरह मिक्स हो जाती है कि पता ही नहीं लगता कि किसी तरह की झिल्ली का प्रयोग किया गया है.

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