बच्चे को जन्म देने के बाद मां मानसिक रूप से तो स्वस्थ हो जाती है, लेकिन शारीरिक रूप से काफी कमजोर हो जाती है. इस दौरान उस की योनि में परिवर्तन होता है, उसे पेशाब करने में दिक्कत हो सकती है. ऐसे में प्रसव के बाद मां को खुद पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है. खासतौर पर पहले सप्ताह.

मां के शरीर में होने वाले परिवर्तन

यूटरस में दर्द महसूस हो सकता है, खासकर स्तनपान कराने पर यह दर्द शुरू हो सकता है, क्योंकि इस से यूटरस सिकुड़ने लगता है.

स्तनों में दर्द महसूस हो सकता है. उन का आकार बढ़ जाता है.

प्रसव के बाद कुछ सप्ताह तक वैजाइनल डिस्चार्ज होता है. शुरू में यह लाल रंग का होता है. कुछ दिनों बाद रंग भूरागुलाबी होता है. फिर धीरेधीरे हलका होता जाता है. इस दौरान सैनेटरी टौवेल का इस्तेमाल करें.

कई मांएं प्रसव के बाद कुछ दिनों तक रोंआसा सा महसूस करती हैं. ऐसा हारमोन के स्तर में परिवर्तन के कारण होता है.

सामान्य प्रसव के दौरान मांसपेशियों में खिंचाव के कारण पेशाब रोकने में परेशानी हो सकती है. हंसते, खांसते या छींकते हुए पेशाब छूट जाता है.

खास टिप्स

पानी पर्याप्त पीती रहें. यह शरीर को ताकत देता है और उसे हाइड्रेट रखता है.

पहली बार मां बनने पर निपल्स पक या छिल जाते हैं. अत: आप डाक्टर से कोई औइंटमैंट आदि लिखवा लें या फीड कराने के बाद अपना दूध निपल्स पर लगाएं.

प्रसव के बाद अपने हाथों को साफ रखें. हाथों को गरम पानी से साफ करें ताकि आप को सर्दी न लगे. अगर आप को सर्दी लग जाएगी तो बच्चे को भी सर्दी लग जाएगी, जो उस के लिए घातक होती है.

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