टार्च संक्रमण गर्भावस्था के दौरान होने वाले संक्रमणों का समूह है. टार्च मूलत: समेकित रूप से 4 तरह के रोगों के प्रथम नाम के प्रथम शब्दों का समेकित लघु नाम है, जिन में निम्न 4 रोग आते हैं :

1. टोक्सोप्लाज्मोसिस   -      टी.ओ.

2. रूबैला      -      आर

3. सायटोमेगालोसिस   -      सी

4. हरपीज     -      एच

टार्च टेस्ट

जिन महिलाओं को बारबार गर्भपात हो जाता हो, गर्भावस्था के दौरान शिशु का विकास अवरुद्ध हो गया हो, यदि शिशु की मृत्यु गर्भ में ही हो गई हो.

लक्षण

गर्भस्थ शिशु की वृद्धि और विकास उस की गर्भावस्था की आयु के अनुरूप नहीं हो रहा हो.

जिस शिशु की तिल्ली और यकृत बड़े हो गए हों.

रक्त में प्लेटलेट्स की मात्रा कम हो.

शरीर पर लाल, भूरे, नीले दाने निकल आए हों.

रोगों के निम्न घटक हैं, जो गर्भवती महिलाओं को प्रभावित कर गर्भावस्था को विषम कर देते हैं तथा महिलाओं से मातृत्व का सुख छीन लेते हैं.

टोक्सोप्लाज्मोसिस

यह एक कोशिकीय प्रोटोजोआ टोक्सोप्लाज्मा नामक परजीवी से उत्पन्न होने वाला रोग है. इस में रोगी को बुखार आता है, शरीर की लिंफ ग्रंथियों में सूजन आ जाती है. संक्रमित माताओं से बच्चों में टोक्सोप्लाज्मोसिस का संक्रमण पहुंच जाता है. इस रोग में गर्भस्थ शिशु के मस्तिष्क का विकास और वृद्धि पर प्रतिकूल असर पड़ता है, जिस के फलस्वरूप संभावित संतान अल्प या मंदबुद्धि की पैदा होती है. गंभीर संक्रमण की स्थिति में बड़े सिर वाला, जिस के सिर में पानी भरा हुआ हो शिशु का जन्म होता है, जिस से वह मानसिक और शारीरिक रूप से जिंदगी भर के लिए अपाहिज हो जाता है.

रूबैला

इस रोग को जरमन मीजल्स के नाम से भी जाना जाता है. यह एक विषाणु रोग है. यह अल्प अवधि वाला, स्पर्शजन्य संक्रामक रोग है. इस के प्रारंभिक लक्षणों में हलकाहलका बुखार, शरीर की लिंफ ग्रंथियों में सूजन, शरीर पर हलकेहलके चकत्ते, फुंसियां हो जाती हैं. इस रोग का संक्रमण गर्भावस्था की प्रथम तिमाही में हो जाने पर गर्भस्थ शिशु पर अत्यधिक खतरनाक असर होता है.

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