हम में से कई लोग माइक्रोवेव कंटेनर्स को 'सेफ' मार्क देखकर खरीद लेते हैं. चूंकि इनके बैक में सेफ मार्क होता है इसलिए हम निश्चिंत भी हो जाते हैं. हालांकि इन पर केवल यह लिखा होना ही सेफ होने की गारंटी नहीं है.  

कंटेनर्स में कमी

माइक्रोवेव कंटेनर्स को प्रयोग के लिए मानकों पर खरा पाए जाने के बाद ही इनका प्रयोग करें. हालांकि विशेषज्ञ मानते हैं कि पतली प्‍लास्टिक बॉडी वाले कंटेनर्स सुरक्षित नहीं होते हैं चाहे उन पर सेफ का मार्क हो भी तो भी. कई अध्‍ययनों में सामने आया है कि इन कंटेनर्स से BPA यानी बिसेफनॉल A निकलता है और जब इन्‍हें गर्म किया जाता है तो वह भोजन में मिल जाता है. छोटी-छोटी मात्रा में BPA लेना काफी हानिकारक होता है और इसका असर लंबे समय तक बना रहता है. अब तो इसे बैन करने की मांग भी उठ रही है.

क्‍या है बेहतर

कई प्‍लास्टिक कंटेनर्स एक बार प्रयोग होने के बाद अगले प्रयोग के लिए ठीक से साफ नहीं होते. प्‍लास्टिक की कुछ मात्रा भोजन में मिलती ही है. साथ ही ऐसे कंटेनर्स, जिसमें डिटर्जेंट या पेंट आदि रखा गया हो उसे धोकर भोजन रखने के लिए कभी प्रयोग नहीं करना चाहिए.

इन्‍हें करें इस्‍तेमाल

शीशे के मोटे बर्तनों को अवन के लिए प्रयोग करें. अच्‍छे ग्‍लासवेयर में ही भोजन को दोबारा गर्म करें. डेकोरेटिव ग्‍लास प्‍लेट्स को प्रयोग करने से बचें. पेपर प्‍लेट को भी भोजन गर्म करने के लिए इस्‍तेमाल कर सकते हैं.

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