विभिन्न आकर्षक स्टाइलों व प्रकारों में उपलब्ध कालीनों के मुरीद अब बहुत से लोग हैं. कालीनों का चुनाव अगर सही तरीके से किया जाए और उन की साफसफाई की ठीक व्यवस्था हो तो कालीन सालोंसाल अपनी खूबसूरती और टिकाऊपन बरकरार रखते हैं. कई डिजाइनों, रंगों और बुनावट की ढेरों वैराइटियों में उपलब्ध कालीनों को बाजार में खरीदना तब बेहद मुश्किल होता है जब यह जानना हो कि उस की क्वालिटी कैसी है और कौन सा कालीन खरीदना उपयुक्त होगा.

आइए, जानते हैं कि कालीन की खरीदारी में किनकिन बातों का ध्यान रखना जरूरी होगा:

रोएं की जांच करें

कालीन का रोयां कालीन का मुख्य आधार होता है. कालीन का फील इस बात पर बहुत अधिक निर्भर करता है कि उस में किस प्रकार के रोएं का इस्तेमाल किया गया है. रोएं बुने हुए और कलगीदार होते हैं, लेकिन बुने हुए रोएं कलगीदार रोएं की तुलना में अधिक मजबूत और टिकाऊ होते हैं. बुने हुए रोएं एकदूसरे के साथ अधिक निकटता से बुने जाते हैं, जिस से कालीन को अधिक ठोस और मजबूत फीलिंग मिलती है. इसलिए कलगीदार कालीनों की तुलना में बुने हुए कालीनों को अधिक तरजीह दी जाती है.

कालीन का रेशा

जहां एक ओर कालीन के रोएं से उस की भीतरी परत का निर्धारण होता है, वहीं दूसरी ओर कालीन के रेशे से उस की बाहरी परत बनती है. कालीनों में जिन रेशों का इस्तेमाल किया जाता है उन में नायलौन, पौलिएस्टर, पौलीप्रौपलीन और ऊन आदि शामिल हैं. कालीन की पहली 3 वैराइटियां मजबूत और टिकाऊ होती हैं. ये रंगों और पैटर्नों की ढेरों वैराइटियों में उपलब्ध हैं. ये अत्यधिक जलरोधी और दागरोधी भी होती हैं. ऊन वह सब से कीमती रेशा है जिस का कालीनों में इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन उन कालीनों के लिए अधिक केयर और रखरखाव की जरूरत पड़ती है.

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