सुधा सुबह से ही परेशान थी. उसे शाम को अपनी बैस्ट फ्रैंड के यहां फैस्टिव पार्टी में जाना था. उस की समझ में नहीं आ रहा था कि वह कौन सी ड्रैस पहन कर पार्टी में जाए. ऐसा नहीं कि उस के वार्डरोब में ड्रैसेज की कमी थी. वार्डरोब उन की खचाखच भरा था. इस के बावजूद वह चयन नहीं कर पा रही थी कि क्या पहन कर जाए.

किसी खास पार्टी का इनविटेशन मिलने या त्योहार के मौके पर मन खुशी से झूम उठता है. पर उस वक्त सारा मूड खराब हो जाता है जब पहनने के लिए कोई ड्रैस पसंद नहीं आती. उस वक्त अपनेआप पर गुस्सा आता है कि किसी खास वक्त के लिए 1-2 ड्रैसेज अलग क्यों नहीं रखीं.

यदि ऐसी प्रौब्लम से आप का भी वास्ता पड़ता है तो परेशान होने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि 90% महिलाएं या युवतियां ऐसी प्रौब्लम से रूबरू होती हैं. अब तक जो हुआ सो हुआ. आगे से इन कुछ बातों का यदि ध्यान रखेंगी तो अपनी इस प्रौब्लम से बच जाएंगी:

वार्डरोब ब्लंडर्स से बचें

अधिकतर महिलाएं अपने वार्डरोब को ठीक नहीं रखतीं. उन का वार्डरोब उथलापुथला होता है, जबकि उसे अच्छी तरह सजा कर रखना चाहिए.

निरीक्षण करें

समय-समय पर वार्डरोब का निरीक्षण करें. निरीक्षण के दौरान कोई ड्रैस आप को अनफिट, आउटडेटेड या कम स्टाइलिश लगे, जिसे पहनने का मन न हो तो उसे वार्डरोब से तुरंत निकाल दें. ऐसी ड्रैसेज खास मौके के लिए ड्रैस का चयन करने में परेशानी पैदा करती हैं.

मोह न करें

कई महिलाएं अनफिट, आउटडेटेड, अनकंफर्टेबल या कम स्टाइलिश ड्रैस इसलिए वार्डरोब में जमा कर के रखती हैं, क्योंकि उन के साथ कुछ खास बातें जुड़ी होती हैं जैसे यह काफी महंगा है. यह ड्रैस नाना ने दी थी, इसे सिंगापुर से खरीद कर लाई थी, इसे गोल्डन नाइट को पहना था. इन सब बातों को भूल कर अपने वार्डरोब से इन्हें निकाल दें.

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