घर साफसुथरा हो तो उस में खुशियां थिरकती हैं, क्योंकि घर की साफसफाई का सीधा संबंध घर में रहने वालों के स्वास्थ्य से जुड़ा होता है. कुछ लोग घर की खूबसूरती पर ज्यादा ध्यान देते हैं, लेकिन घर के खूबसूरत होने से ज्यादा जरूरी है उस का हाइजीनिक होना. अपने घर को हाइजीनिक यानी जर्म फ्री बनाने के लिए जरूरी नहीं कि आप पूरा दिन घर की साफसफाई में लगी रहें. बस घर की उन जगहों की साफसफाई पर रोज विशेष ध्यान देने की जरूरत है, जहां जर्म्स होने की ज्यादा संभावना होती है.

इंडियन मैडिकल ऐकैडमी द्वारा देश भर में 1,400 घरों में किए गए एक सर्वे के अनुसार साफसुथरे दिखने वाले घर खासतौर पर संक्रमित पाए जाते हैं. ग्लोबल हाइजीन काउंसिल के द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार रसोई में इस्तेमाल किए जाने वाला तौलिया, चाकू, चौचिंग बोर्ड, सिंक, नल, डस्टबिन, दरवाजों के हैंडल, किचन काउंटर, माइक्रोवेव, बरतनों का स्टैंड आदि में कीटाणु होने की आशंका सब से अधिक होती है. इन के हाइजीन के प्रति बरती गई लापरवाही सेहत के लिए खतरा पैदा कर सकती है.

जर्म फ्री रसोई

ऐरिजोना विश्वविद्यालय में माइक्रोबायलौजी के प्रोफैसर डाक्टर चुक गेरबा के अनुसार, ‘‘जब भी घर की साफसफाई की बात आती है तो टौयलेट सीट ही वह जगह होती है जिसे हम सब से ज्यादा साफ रखने की कोशिश करते हैं, लेकिन किचन की साफसफाई पर उतना ध्यान नहीं देते, जबकि वहां बैक्टीरिया कहीं ज्यादा मात्रा में होते हैं.

किचन को रखें साफसुथरा कुछ ऐसे.

- किचन का तौलिया जिस से आप हाथ साफ करती हैं उस में बैक्टीरिया होने के चांसेज ज्यादा होते हैं. अत: उसे हर दूसरे दिन बदलें. उसे धोने के बाद अच्छी तरह सुखा लें.

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