आज भले ही महिलाएं आत्मनिर्भर हो गई हों, पुरुषों के साथ कदम से कदम मिला कर चलने लगी हों, लेकिन कुछ मामलों में आज भी उन की वही धारणा है, जो पहले हुआ करती थी, जैसे पैसे को ही ले लीजिए. महिलाएं आज भी खर्च से ज्यादा बचत करने पर विश्वास रखती हैं. अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण करना उन्हें आज भी आता है. अब तो कुछ जगहों पर महिलाएं पूंजी निवेश में भी विश्वास रखती हैं.

इस संबंध में श्री बालाजी ऐक्शन अस्पताल की वरिष्ठ मनोचिकित्सक डा. शिल्पी आष्टा का कहना है, ‘‘आज भी महिलाओं की सोच कुछ मामलों में पुरुषों से बिलकुल विपरीत है. पुरुष भविष्य से ज्यादा खुशहाल वर्तमान पर विश्वास रखते हैं, जबकि महिलाएं हर काम भविष्य को ध्यान में रख कर करती हैं और पुरुषों से भी यही अपेक्षा करती हैं कि वे भी इस बात को समझें.

‘‘महिलाएं जोखिम भरे काम से बचना चाहती हैं, खासतौर पर पूंजी को ले कर. इसीलिए वे पूंजी को सोने या चांदी जैसी चीजों पर निवेश करना ज्यादा उचित समझती हैं, जबकि पुरुष ज्यादा मुनाफे के लिए शेयर मार्केट या म्यूचुअल फंड जैसे प्लान में पैसे इनवैस्ट करना ज्यादा उचित समझते हैं, जोकि जोखिम भरा होता है. इसीलिए महिलाएं पुरुषों से चाहती हैं कि वे प्रौपर्टी, सोना या चांदी में पूंजी निवेश करें अथवा बैंक में पैसा जमा कर के लाभ उठाएं.’’

1. पुरुष भी अपनाएं बजट प्लान

महिलाओं को होम फाइनैंस मिनिस्टर भी कहा जाता है और यह सच भी है, क्योंकि भले ही एक पुरुष पैसा कमा कर अपनी मां या पत्नी को देता हो, लेकिन उसे संभालने का गुण महिलाओं के ही हाथ में है. इसलिए महिलाएं चाहे कामकाजी महिलाएं हों या फिर गृहिणियां, वे अपने परिवार को आर्थिक रूप से मजबूत बनाए रखने के लिए बजट के अनुसार चलना पसंद करती हैं, ताकि भविष्य में उन की आर्थिक स्थिति गड़बड़ाए नहीं. इसीलिए महिलाएं पुरुषों से भी यही चाहती हैं कि वे भी बजट के अनुरूप चलें.

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