मेरी एक परिचिता की बेटी को लड़के वाले देखने आए. सारी बातें पक्की हो जाने के बाद जब लड़का व लड़की ने एकांत में औपचारिक वार्त्तालाप किया तो लड़के ने लड़की से प्रश्न किया, ‘‘विवाह के बाद यदि फेसबुक, व्हाट्सऐप जैसे सोशल मीडिया का प्रयोग करने से हम मना करेंगे तो तुम बंद कर दोगी?’’

लड़की ने उत्तर दिया, ‘‘नहीं, बिलकुल नहीं.’’ साथ ही बाहर आ कर लड़की ने विवाह करने से भी यह कह कर मना कर दिया कि लड़का संकुचित मानसिकता का है. अभी से ऐसी शर्त रखी जा रही है तो विवाह के बाद तो जीना ही मुश्किल हो जाएगा.

एक अन्य परिवार में लड़के वालों ने लड़की वालों से कहा, ‘‘हमारे लगभग सौ बराती होंगे. उन के स्वागतसत्कार में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए. साथ ही, हरेक बराती को विदाई में सोने का सिक्का देना होगा.’’

सीमा को एक लड़का देखने आया. औपचारिक वार्त्तालाप के बाद उस के मातापिता ने कहा, ‘‘देखो बेटी, हमारे घर की सभी बहूबेटियां नौकरी करती हैं तो तुम्हें भी हम घर में बैठने नहीं देंगे. बस, शादी के बाद एमबीए कर लेना ताकि सैलरी पैकेज अच्छा हो जाए, और शान से नौकरी करना.’’

सीमा को नौकरी करने के स्थान पर आराम से घर पर रहना पसंद था, सो उस ने शादी करने से इनकार कर दिया.

आजकल अरेंज मैरिज में लड़के वाले लड़की वालों के समक्ष शर्तों का पिटारा कुछ इस प्रकार खोलते हैं मानो लड़की और उस के परिवार का कोई अस्तित्व

ही नहीं. कुछ लड़कियों और उन के मातापिता से की गई बातचीत के आधार पर हम ने जाना कि कैसीकैसी शर्तें लड़के वाले लड़की और उस के मातापिता के समक्ष रखते हैं-

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