सवाल

मैं 20 साल का अविवाहित युवक हूं. मैं जहां नौकरी करता हूं वहां मुझे एक मुसलिम लड़की से प्यार हो गया है. चूंकि मैं हिंदू हूं, इसलिए उस से अपनी फीलिंग्स शेयर करने से डरता हूं. वह नहीं जानती कि मैं हिंदू हूं. लेकिन मैं जब भी उस की तरफ देखता हूं तो उसे भी अपनी तरफ देखता हुआ पाता हूं. मैं जिस दिन भी उसे नहीं देखूं, मुझे पूरा दिन अच्छा नहीं लगता. मैं सोचता हूं कि उस से अपनी फीलिंग्स शेयर करूं लेकिन डरता हूं कि कहीं वह चीखचिल्ला कर मेरी बेइज्जती न कर दे.

जवाब

आप जो भी सोच रहे हैं सिर्फ अपने मन में सोच रहे हैं कि कहीं वह लड़की आप के हिंदू होने की बात जान कर आप को रिजैक्ट न कर दे या वह भी आप को चाहती है. आप की समस्या का हल सिर्फ उस से खुल कर बात करने में है.

आप उस से बात करें व जानें कि वह आप के बारे में क्या सोचती है, तभी आगे बढ़ें. क्या पता उस के व उस के परिवार के लिए हिंदू मुसलिम वाली बात कोई महत्त्व ही न रखती हो या फिर उस के मन में आप के लिए कोई फीलिंग ही न हो, जैसा आप सोच रहे हैं.

इसलिए हर बात का खुलासा सिर्फ उस से बात करने से होगा. बिना डरे उस से अपने मन की बात कहें और हर परिस्थिति के लिए तैयार रहें.

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सच तो यह है कि आरव से मिलना ही एक ड्रीम है और जब उस डे और डेट को अगर सच में एक ड्रीम की तरह से बना लिया जाए तो फिर सोने पर सुहागा. हां, यह वाकई बेहद रोमांटिक ड्रीम डेट थी, मैं इसे और भी ज्यादा रोमांटिक और स्वप्निल बना देना चाहती थी. कितने महीनों के बाद हमारा मिलना हुआ था. एक ही शहर में साथसाथ जाने का अवसर मिला था. कितनी बेसब्री से कटे थे हमारे दिनरात, आंसूउदासी में. आरव को देखते ही मेरा सब्र कहीं खो गया. मैं उस पब्लिक प्लेस में ही उन के गले लग गई थी. आरव ने मेरे माथे को चूमा और कहा, ‘‘चलो, पहले यह सामान वेटिंगरूम में रख दें.’’

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