करीब 4 साल तक लिव इन रिलेशनशिप में रहने के बाद स्मृति ने जब देखा कि उस के बौयफ्रैंड सूरज ने किसी और लड़की से शादी कर ली है, तो उस के पैरों तले धरती खिसक गई.

पिछले कुछ दिनों से वह सूरज के हावभाव में बदलाव देख रही थी. पूछने पर वह अलगअलग बहाने बना देता था. कभी कहता कि औफिस में समस्या है, तो कभी कहता कि तबीयत ठीक नहीं है. एक दिन जब उस ने जोर दिया तो उस ने बताया कि जब वह अपने शहर गया, तो मातापिता ने उस की जबरदस्ती शादी करवा दी. वह अपनी और स्मृति की बात उन्हें इसलिए नहीं बता पाया, क्योंकि वे दोनों के अलगअलग जाति के होने की वजह से इस रिश्ते को मंजूरी नहीं देते.

स्मृति उस की सहजता से कह गई इस बात से हैरान हो गई. फिर उसी दिन वहां से अपनी मां के पास चली गई. फिर वह एक सामाजिक संस्था से मिली और कोशिश कर रही है कि सूरज उसे अपना ले. वह कोर्ट नहीं गई, क्योंकि उसे लगा कि इस से उस की बदनामी होगी. उस का कहना है कि सूरज कोशिश कर रहा है. वह अपनी पत्नी को तलाक दे कर उसे अपनाएगा, क्योंकि यह शादी उस ने अपने मातापिता की जिद से की है.

यहां सवाल यह उठता है कि अब तक सूरज अगर अपने रिश्ते को परिवार की नहीं बता पाया है, तो आगे कैसे बता कर स्मृति के साथ रहेगा? और अपनी पत्नी को छोड़ेगा कैसे? उस के लिए वजह क्या बनाएगा?

लिव इन रिलेशनशिप आज के समय में तेजी से बढ़ रहा है. एक समय ऐसा था जब ऐसे संबंध होने पर लोग खुल कर बात करना पसंद नहीं करते थे. लेकिन आजकल लोग खुल कर इस रिलेशनशिप में रहते हैं खासकर युवा इस रिश्ते को अपनाने में सहजता का अनुभव करते हैं, क्योंकि इस में दायित्व कम होता है.

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