‘आई लव यू’ कहनासुनना एक खूबसूरत एहसास है, जो 2 व्यक्तियों के मन में बसे प्रेम के भावों को अभिव्यक्त करने का सब से सरल माध्यम है. प्यार में बारबार इन 3 जादुई शब्दों को दोहराना प्रेमियों को एकदूसरे के करीब लाता है और साथ ही भावनात्मक सुरक्षा भी देता है. ‘आई लव यू’ सुनना हर स्त्री को प्रिय होता है. मगर अफसोस कि पुरुष जब तक प्रेमी रहता है, अपनी प्रेमिका को प्रसन्न करने के लिए दिनरात आई लव यू रटता रहता है, किंतु जैसे ही पति बन जाता है, इन शब्दों को बोलने में कंजूस हो जाता है.

विवाह के बाद नया पति बना पुरुष अपनी नईनवेली दुलहन के समक्ष कई बार भले ‘आई लव यू’ कह दे, किंतु जैसेजैसे समय बीतता जाता है उस की तरफ से इन शब्दों का प्रयोग कम होता जाता है. अंतरंग क्षणों में ये शब्द दोहरा भी दे, किंतु सत्य यही है कि दैनिक क्रियाकलापों के मध्य नियमित ये शब्द उच्चारित करना पतियों के स्वभाव में नहीं होता. पति अकसर भावनाओं को शब्दों में अभिव्यक्त करने में बड़े कंजूस होते हैं. पुरुष प्रवृत्ति होती ही ऐसी है. किंतु मन का अर्थ यह कतई नहीं है कि वे आप से प्रेम नहीं करते. बस होता यह है कि प्रेमी से पति बनते ही ये सब कहने व समझने की जिम्मेदारी पत्नी के कंधों पर आ जाती है. आप से अपेक्षा होती है कि आप उन की हर बात बिना कहे ही समझ लें. प्रेम की मौन भाषा भी.

हम यह नहीं कह रहे कि शब्दों का कोई मोल नहीं होता तथा विवाह के बाद एकदूसरे से ‘आई लव यू’ कहनासुनना अच्छा नहीं लगता, पर जान लें कि मौन संकेतों की भी एक बहुत प्रखर भाषा होती है, जिसे पढ़ना तथा समझना पत्नियों के लिए बेहद जरूरी हो जाता है. यदि आप के पति आप से सच्चा प्रेम करते हैं तो वह उन के व्यवहार व क्रियाकलापों से साफ झलक जाता है. हां, पत्नी को अपने पति की बौडी लैंग्वेज यानी देह की भाषा को पढ़नासमझना आना चाहिए. जैसे आप नवजात शिशु की शब्दहीन अभिव्यक्ति उस के दैहिक क्रियाकलापों द्वारा समझ जाती हैं, ठीक वैसे ही पति की देह भाषा में छिपे आंतरिक भावों, विचारों को भी समझने की जरूरत होती है.

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